पिथौरागढ़ :इलाका पिथौरागढ़ जिले के तहसील मुनस्यारी का , और ग्राम सभा बोना का , नाम के लिए एक राजकीय एलोपैथिक चिकित्सालय है लेकिन पिछले 8 महीनों से डॉक्टर नही है, अचानक स्थानीय महिला गीता देवी बृजवाल की तबीयत खराब हो जाती है और उन्हें डोली के सहारे 30 किलोमीटर पैदल चलकर मदकोट तक लाया जाता है जहाँ अब उनका इलाज चल रहा है, वीडियो में आप देख सकते हैं कि बरसात में नदियां व छोटे छोटे नदी नाले भी अपने प्रचंड बेग में हैं। बस यही तो कहानी है पहाड़ की। इस जिले से बड़े बड़े सूरमा केंद्र सरकार में मंत्री भी रहे हैं, एक साहेब तो पहले प्रदेश के मुख्यमंत्री और अब राज्यपाल भी है इस जिले से आते है लेकिन मजाल क्या कि वे इस क्षेत्र की दुर्दशा देखें। और देखें भी क्योँ ? वोट दीजिये और काम खल्लास। मिलते है देहरादून या फिर दिल्ली में !
जिलाधिकारी ने राजकीय एलोपैथिक चिकित्सालय बोना के लिए डॉक्टर अहमद राज की नियुक्ति की थी, पर डॉक्टर अहमद राज को एक नेता के दवाब में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मदकोट में अटैच कर दिया गया ,वह भी तब जबकि मदकोट में पहले से ही दो डॉक्टर मौजूद हैं., आखिर कौन है इस मानिसकता की पीछे , ये कारण तो प्रदेश के मुखिया ही ढूंढ सकते है या फिर डॉ. धन सिंह रावत जो कि ऐप के जरिए बारिश को आगे-पीछे कर सकते हैं’अगर गांव वालों ने धन सिंह से प्रार्थना की होती तो शायद नदी नाले नहीं बह रहे होते, खैर अब लौटते है मुद्दे पर , हाल ही में मंत्री जी ने वाह वाही लूटने के लिए बयांन दिया था कि दुर्गम एवं पर्वतीय क्षेत्रों में 245 नये डॉक्टरों की नियुक्ति के निर्देश दे दिए गये हैं, तो क्या मंत्री जी ये बताएँगे कि वो डॉक्टरआखिर कहाँ गायब हो गए हैं ?