50 करोड़ की हेराफेरी के मामले में क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड को हाईकोर्ट ने किया तलब - MeraUK.com

50 करोड़ की हेराफेरी के मामले में क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड को हाईकोर्ट ने किया तलब

धांधलियों को लेकर हाईकोर्ट के तेवर तल्ख

 

देहरादून 03 अगस्त । नैनीताल हाईकोर्ट ने क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड (सीएयू) में अनियमितताओं को लेकर सरकार से जवाब तलब किया है। हाईकोर्ट ने कहा कि क्रिकेट एसोसिएशन आफ उत्तराखंड में नेताओं और बिजनेसमैन की दखलंदाजी है। हाइकोर्ट ने राज्य के खेल सचिव से सीएयू में अनिमितिताओं को लेकर जवाब तलब किया है। मामले में अगली सुनवाई 17 अगस्त होगी। हाईकोर्ट में यह जनहित याचिका आरटीआई एक्टिविस्ट एडवोकेट विकेश नेगी ने दाखिल की है।

मुख्य न्यायाधीश जस्टिस विपिन सांघवी और जस्टिस राकेश थपलियाल ने सीएयू को लेकर दायर जनहित याचिका को स्वीकार कर लिया है। डबल बेंच ने इस संबंध में राज्य के खेल सचिव से जवाब मांगा है। मामले की पैरवी करने वाले एडवोकेट ललित सौड का कहना है कि अदालत ने माना कि सीएयू में सब कुछ ठीक ठाक नहीं है। अनियमितताएं हैं और इसमे कई राजनीतिज्ञों और नौकरशाहों का दखल है। उन्होंने कहा कि याचिका में कहा गया है कि सीएयू को बीसीसीआई से मान्यता मिलने के बाद से ही यहां बहुत सी वित्तीय और अन्य अनियमिताएं हुई हैं। भुगतान के साथ ही खिलाड़ियों के चयन में भी गोलमोल है। सीएयू के पदाधिकारियों पर पैसे लेकर टीम में स्थान देने के आरोप और केस हैं।

एडवोकेट नलिन के अनुसार जनहित याचिका में प्रार्थना की गयी है कि देश के किन्हीं तीन पूर्व जजों की समिति से इस पूरे मामले की जांच करवाई जाए। कांफिलिक्ट आफ इंटरेस्ट वाले पदाधिकारियों को हटाया जाए और उनके चुनाव लड़ने पर रोक लगाई जाए। यह भी प्रार्थना की गयी है कि सोसायटी रजिस्ट्रार की इस पूरे मामले में संदिग्ध भूमिका रही है। ऐसे में रजिस्ट्रार के ऊपर प्रशासक बिठाया जाए।

आरटीआई एक्टिविस्ट एडवोकेट विकेश नेगी का कहना है कि जब पिछले चार साल में पूरे प्रदेश में एक भी पिच नहीं बनी और न ही स्टेडियम तो सीयूए ने बीसीसीआई से मिले लगभग 50 करोड़ रुपये कहां खर्च किये? सीएयू के पदाधिकारी भ्रष्टाचार में आकंठ डूबे है उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट से प्रदेश के खिलाड़ियों को इंसाफ मिलेगा।

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