सरकार के रोके नहीं रुक रहा है पलायन !

 

राकेश डंडरियाल

देहरादून 08 मार्च। प्रदेश सरकार पलायन को लेकर कितनी ही डींगे हांक ले लेकिन सरकारी आंकड़े कुछ और ही बयां कर रहे है। प्रदेश सरकार के ग्राम्य विकास एवं पलायन निवारण आयोग ने अपनी द्वितीय पलायन सर्वेक्षण की अंतरिम रिपोर्ट (वर्ष 2018 से 2022) सरकार को सौंप दी है। इससे पहले आयोग वर्ष 2011 से वर्ष 2018 के मध्य राज्य में पलायन की स्थिति पर सरकार को रिपोर्ट दे चुका था । ग्राम्य विकास एवं पलायन निवारण आयोग ने द्वितीय राज्य स्तरीय पलायन सर्वेक्षण अंतरिम रिपोर्ट (वर्ष 2018 से 2022) सरकार को सौंप दी है। आम जनता के लिए इसे आयोग की वेबसाइट पर भी अपलोड किया गया है। इससे पहले आयोग की ओर से वर्ष 2011 से वर्ष 2018 के मध्य राज्य में पलायन की स्थिति पर सरकार को प्रथम रिपोर्ट सौंपी गई थी। पलायन के लिहाज से पहली रिपोर्ट के आधार पर तुलनात्मक स्थिति इस बार बेहतर है।

पलायन पर आधारित इस रिपोर्ट में 2018 से सितंबर 2022 तक राज्य के 92 विकासखंडों की 6,436 ग्राम पंचायतों से कुल 3,07,310 लोगों ने अस्थायी पलायन किया है। जबकि 77 ब्लाॅकों के 2,067 गांवों से कुल 28,631 लोगों ने स्थायी पलायन किया है।

रिपोर्ट के अनुसार सबसे ज्यादा पलायन अल्मोड़ा, पौड़ी और टिहरी से हुआ है। अल्मोड़ा के 1090 गांवों से 54,519, पौड़ी के 1,057 गांवों से 29,093 लोगों ने व टिहरी में 906 गांवों से 41,359 लोगों ने अस्थायी पलायन किया है। देहरादून, चंपावत और बागेश्वर के गांवों से कम पलायन हुआ है। जबकि हरिद्वार के रुड़की ब्लाॅक में मात्र छह गांवों से सबसे कम 250 लोगों ने पलायन किया है। देहरादून, चमोली, टिहरी, पौड़ी, बागेश्वर, रुद्रप्रयाग और चंपावत जिलों के ग्रामीण क्षेत्रों में अस्थायी पलायन पर अंकुश लगा है। जबकि ऊधमसिंह नगर और हरिद्वार में अस्थायी पलायन का प्रभाव अधिक होने के आंकड़े प्राप्त हुए हैं। वहीं, उत्तरकाशी में अस्थायी पलायन के प्रभाव में अपेक्षाकृत कमी देखने को मिली है।

रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2018 से सितंबर 2022 तक राज्य के 92 विकासखंडों की 6,436 ग्राम पंचायतों से कुल 3,07,310 लोगों ने अस्थायी पलायन किया है। जबकि 77 ब्लाॅकों के 2,067 गांवों से कुल 28,631 लोगों ने स्थायी पलायन किया है।

राज्य में सबसे अधिक अस्थायी पलायन तीन जिलों से हुआ है। अल्मोड़ा जिले में 1090 गांवों से 54,519, टिहरी में 906 गांवों से 41,359 और पौड़ी के 1,057 गांवों से 29,093 लोगों ने अस्थायी पलायन किया है। देहरादून, चंपावत और बागेश्वर के गांवों से कम पलायन हुआ है। जबकि हरिद्वार के रुड़की ब्लाॅक में मात्र छह गांवों से सबसे कम 250 लोगों ने पलायन किया है। देहरादून, चमोली, टिहरी, पौड़ी, बागेश्वर, रुद्रप्रयाग और चंपावत जिलों के ग्रामीण क्षेत्रों में अस्थायी पलायन पर अंकुश लगा है। जबकि ऊधमसिंह नगर और हरिद्वार में अस्थायी पलायन का प्रभाव अधिक होने के आंकड़े प्राप्त हुए हैं। वहीं, उत्तरकाशी में अस्थायी पलायन के प्रभाव में अपेक्षाकृत कमी देखने को मिली है।

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