देहरादून 14 अगस्त। उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के निवर्तमान मीडिया प्रभारी एवम वरिष्ठ पैनलिस्ट राजीव महर्षि ने आज कहा कि उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के सचिव को सरकार द्वारा हटाए जाने के बाद कांग्रेस के इस आरोप की पुष्टि हुई है कि भर्ती परीक्षा में अनियमितताएं हुई हैं, और सरकार का रवैया जांच के प्रति शिथिल रहा है। इसके साथ ही सत्तरूढ दल से जुड़े एक नेता की गिरफ्तारी से यह बात साफ हो गई है कि भर्ती में शुचिता और पारदर्शिता ताक पर रख दी गई। उन्होंने कहा कि आयोग के अध्यक्ष ने नैतिक जिम्मेदारी का लवादा ओढ़ कर जिस तरह अपने पद से इस्तीफा दिया, उससे स्पष्ट हो गया था कि दाल में काला जरूर है और अब सचिव को उनके पद से हटाने से इस बात पर मुहर लग गई है कि प्रदेश के बेरोजगार युवाओं के साथ भारी नाइंसाफी हुई है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन महरा ने कहा है कि वीपीडीओ भर्ती में दस से पंद्रह लाख रुपए लेकर पेपर लीक कर नौकरी बेचने से पूरी भर्ती प्रक्रिया संदेह के घेरे में है। इस मामले ने भर्तियों में भ्रष्टाचार की बानगी है। नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा कि सड़क से लेकर विधानसभा तक भर्ती परीक्षा में घपले की प्रमाण के साथ बात सामने आ चुकी है। लेकिन सरकार ने अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की कार्यप्रणाली की जांच वक्त रहते नहीं की। उन्होंने कहा कि प्रदेश में 14 लाख बेरोजगार हैं और एक लाख सरकारी पद खाली हैं, इस स्थिति में सरकारी नौकरी ही रोजगार का साधन है लेकिन जिस तरह से भर्तियां हुई हैं, उससे अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठे हैं लेकिन कभी भी इस मामले की उच्च स्तरीय जांच नहीं की गई। राजीव महर्षि ने दोनों नेताओं के वक्तव्यों का हवाला देते हुए कहा कि अब इसमें कोई संदेह नहीं रह गया है कि भर्ती परीक्षा में घपला हुआ है और सीबीआई जांच ही इसका एकमात्र समाधान है।
उन्होंने आरोप लगाया कि धामी सरकार जांच के नाम पर लोगों की आंखों में धूल झोंकी जा रही है। उन्होंने जोर दिया कि इस मामले में उच्च न्यायालय को स्वत: संज्ञान लेते हुए मामला सीबीआई को सौंपना चाहिए, तभी दूध का दूध और पानी का पानी होगा। न्याय के हित में यही एकमात्र विकल्प है।महर्षि ने कहा कि जब तक ईमानदारी से भर्ती परीक्षा की तैयारी कर रहे युवाओं को यह भरोसा नहीं हो जाता कि आइंदा कोई गड़बड़ी नहीं होगी, तब तक धामी सरकार की साख दांव पर रहेगी और यह सरकार की जिम्मेदारी है कि वह जांच सिर्फ दिखावे के लिए न कर वास्तविक दोषियों को सलाखों के पीछे भेजे। महर्षि ने कहा कि धामी सरकार को बिना देर किए मामला सीबीआई को सौंप देना चाहिए, तभी उसके प्रति प्रदेश के लोगों का भरोसा लौट सकता है, वरना अभी तक की जा रही जांच को लोग लीपापोती ही मानते रहेंगे।
उन्होंने कहा कि सरकार का अभी तक का प्रदर्शन निराशजनक रहा है और लोग यह मान बैठे हैं कि सरकार किसी न किसी को बचाना चाहती है। अगर वास्तव में धामी सरकार वास्तव में इस मुद्दे के प्रति गंभीर है तो उसे भर्ती घोटाले की जांच सीबीआई को सौंप कर अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की कंप्लीट ओवरहॉलिंग करनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि अभी हाल में सोशल मीडिया पर लोक सेवा आयोग के एक सदस्य का ऑडियो वायरल होने से वहां भी घपले की आशंका व्यक्त की जाने लगी है, जबकि धामी सरकार ने अभी तक मामले का संज्ञान तक नहीं लिया है, इस कारण सरकार की नीयत पर संदेह होने लगा है, किंतु यहां योग्य उम्मीदवारों के भविष्य का सवाल है लेकिन धामी सरकार जरा भी गंभीरता नहीं दिखा रही है। इस कारण वह खुद कठघरे में खड़ी है। प्रदेश के लोग यह सब देख रहे हैं और वक्त आने पर सबक सिखा देंगे। महर्षि ने भरोसा दिया कि पूरी कांग्रेस पार्टी प्रदेश के मेधावी व योग्य उम्मीदवारों के साथ खड़ी है और उन्हें न्याय दिलाने के लिए उनके संघर्ष का हर हाल में समर्थन करेगी। प्रदेश नेतृत्व और नेता प्रतिपक्ष इस आशय की घोषणा पहले ही कर चुके हैं।