बाघ ने बुजुर्ग परी देवी को बनाया अपना निवाला , कही सिर, तो कही, हाथ और पावं
मरचूला /सल्ट 16अप्रैल। गढ़वाल -कुमाऊं बॉर्डर पर स्थित मरचूला के झड़गांव, कूपी से लगे इलाकों में आजकल बाघ का आतंक बना हुआ हैं। बाघ ने शुक्रवार शाम को झड़गांव निवासी परी देवी (65) पत्नी स्व. केशव दत्त को अपना निवाला बना लिया , परी देवी के बारे में शनिवार को सुबह तब पता चला जब गांव के लोगों ने देखा कि वह घर पर नही है। जिसके बाद गांव वालों ने उनकी तलाश शुरू की आसपास के इलाके में खोजबीन करने के बाद जब उसका कोई सुराग नहीं लगा तो गांव के ग्राम प्रधान ने वन विभाग को उनके गायब होने की सूचना दी।
सूचना पर रेंजर जौरासी, विक्रम सिंह कैड़ा अपनी टीम के साथ परी की तलाश में निकले। जिसके बाद मरचूला से धूमाकोट जाने वाले रास्ते में दो किलोमीटर आगे कालागढ़ टाइगर रिजर्व वन क्षेत्र में परी का शव क्षत विक्षत अवस्था में मिला। वन विभाग की टीम ने शव के अवशेष कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम करवाया, जिसके बाद अंतेष्टि कर दी गई है। दरअसल परी देवी की कोई संतान नहीं है , वह अकेले ही घर पर रहती थी, जिस कारण रात में पता नही चल सका, इस बीच रात में बाघ ने उसके आधे से अधिक शरीर को खा लिया था वन बिभाग को शव क्षत विक्षत अवस्था में मिला।
गौरतलब है कि इसी इलाके में मार्च 1 को कूपी गांव में बाघ ने एक महिला पर हमला कर उसे मौत के घाट उतार दिया था। बाघ इस बीच कई पालतू मवेशियों को भी अपना निवाला बना चुका है। जिससे इस इलाके में भय का माहौल बना हुआ है। वन विभाग की टीम ने यहां तब से लगातार निगरानी कर रही है। इलाके में शाम ढलने से पहले ही लोग अपने घरों में दुबक जा रहे हैं।
गांव वालों ने बताया कि 65 साल की परी देवी लकड़ी बेचकर अपना गुजारा करती थीं पति की मृत्यु हो गई थी, कोई संतान न होने के कारण वह गांव में अकेली रहती थी। जंगल से रोजाना जलौनी लकड़ी बीनकर उसे लोगों को बेचती थी। और उसी कमाई से अपना घर चलाती थी।