सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय, में सात दिवसीय वार्षिक चित्रकला प्रदर्शनी का आयोजन - MeraUK.com

सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय, में सात दिवसीय वार्षिक चित्रकला प्रदर्शनी का आयोजन

अल्मोड़ा।     सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय में 27 सितंबर से चल रही सात दिवसीय वार्षिक कला प्रदर्शनी के निदेशक प्रोफेसर सोनू द्विवेदी शिवानी ने बताया कि, प्रदर्शनी में लगातार दर्शकों की  उपस्थिति, युवा कलाकारों के लिए उत्साहजनक है। दर्शकों द्वारा चित्रों को सराहा गया और चित्रों को खरीदने हेतु कलाकारों से संपर्क भी किया गया है। चित्रकार पंकज जयसवाल, हर्षित कुमार, विशाल चंद्रा, दिव्या जोशी, पारुल बिष्ट, सावित्री ओझा, बबीता रायपा एवं कृष्णा बुदियाल द्वारा बनाए गए सामाजिक समस्याओं तथा उत्तराखंड की संस्कृति को प्रस्तुत करते हुए चित्र शीर्षक मुखोटे, विचारों का बहाव, शांति अनसुनी चीखे, नंदा राज जात यात्रा, उल्लास, बचपन एवं मरज्या आदि को विशेष सराहना मिली, इसके साथ ही कई कलाकारों को उनके मूल चित्र की प्रतिकृति बनाने का ऑर्डर निर्धारित मूल्यों पर प्राप्त हुआ है। दर्शक विवेक ने युवा चित्रकार विशाल चन्द्रा के चित्र को खरीदने हेतु सम्पर्क किया।

चंदन आर्य, कौशल कुमार एवं रमेश चंद्र मौर्य (अतिथि व्याख्याता दृश्यकला ) के कुशल संयोजन में आयोजित यह प्रदर्शनी युवा कलाकारों के सृजनात्मक प्रतिभा को प्रेरित करने के साथ ही कला और बाजार के संबंधों को समझने में सहायक सिद्ध हो रही है। प्रदर्शनी में विभिन्न शैली मे कार्य करने वाले म्फ के कुल 24 कलाकारों कृति, हेमलता, बबीता, आकांक्षा, विक्रम, मावया, निहारिका, शेलेश्वरी, अर्चित, तरुण कुमार, निशा रौतेला, संगीता, विनीत बिष्ट आदि द्वारा बनाए गए भावपूर्ण चित्र जिनके विषय है – नारी का दैवीय रूप, महिलाओं का शोषण, उत्थान, शहरी जीवन में व्याप्त अवसाद, तनाव, एकाकीपन, उत्तराखंड के विलुप्त होते कलात्मक स्वरूप, लोक कला एवं पर्वतीय जीवन की समस्याएं, भारतीय कला धरोहर का संरक्षण एवं संवर्धन आदि जैसे ज्वलंत प्रासंगिक विषयों पर युवा चित्रकारों के द्वारा प्रस्तुत चित्र दर्शकों का ध्यान आकर्षित करने में सफल रहे। चित्रों को निरंतर सराहाना मिल रही है, जिससे युवा कलाकारों का उत्साहवर्धन हो रहा है।

प्रर्दशित चित्र आज के जागरूक युवाओं की बौद्धिकता के साथ उनकी कलात्मक प्रतिभा को प्रस्तुत करते हैं, प्रर्दशनी का समापन 3-10-2022 को होगा। पूरन मेहता, संतोष मेर, जीवन जोशी, योगेश डसीला, मुकेश चन्याल आदि ने प्रर्दशनी में विशेष सहयोग किया। चित्रकला विभाग एवं दृश्यकला सहित शहर के अनेक स्थानों से युवा कलाकार और दर्शक भारी संख्या मे चित्रों का अवलोकन करने आ रहे हैं। विश्वविद्यालय एवं परिसर प्रशासन ने विद्यार्थियों के शिक्षण के साथ रोजगार की संभावना को केन्द्र में रखकर लगायी गई इस प्रर्दशनी की सराहना की तथा भविष्य में भी इस तरह के प्रयास निरंतर करने हेतु सहयोग का आश्वासन दिया है।

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