देहरादून 09 अप्रैल। बीते दो साल में कोरोना के चलते चारधाम यात्रा का संचालन पूरे स्वरूप में नहीं हो सका। लेकिन इस बार रिकॉर्ड तोड़ तीर्थयात्री चारधाम यात्रा में आने की उम्मीद है। इससे प्रदेश भर में पर्यटकों की संख्या में भारी वृद्धि होगी। उक्त बात मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेश में पर्यटन और आतिथ्य क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद (यूटीडीबी) की ओर से आयोजित पर्यटन व आतिथ्य सम्मेलन-2022 के शुभारंभ अवसर पर कही।
सम्मेलन में प्रदेश के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि कोरोना महामारी की चुनौतियों से पार पाकर राज्य में पर्यटन तेजी से पटरी पर आ रहा है। राज्य के पर्यटन स्थलों में एक बार फिर बड़ी संख्या में पर्यटक पहुंच रहे हैं जो राज्य में कोविड के बाद के परिदृश्य में पर्यटन के पुनरुद्धार को दर्शाता है। महाराज ने कहा कि धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश सरकार की ओर से विष्णु सर्किट, शैव सर्किट, विवेकानंद सर्किट, नरसिंह सर्किट, नवग्रह सर्किट, गोलजू सर्किट, महासू देवता सर्किट, गुरुद्वारा सर्किट, हनुमान सर्किट का तेजी से प्रचार-प्रसार करने के साथ ही अन्य सर्किटों का विकास करना प्रस्तावित है।
उन्होंने कहा कि चार धाम यात्रा के लिए प्रसिद्ध उत्तराखण्ड अब साहसिक पर्यटन के शौकीन विदेशी पर्यटकों के लिए भी पसंदीदा स्थल बन गया है। चारधाम यात्रा का जिक्र करते हुए पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि विश्व प्रसिद्ध यमुनोत्री व गंगोत्री धाम के कपाट अक्षय तृतीया पर 03 मई को, केदारनाथ धाम के कपाट 06 मई, और बदरीनाथ धाम के कपाट 08 मई को खोले जाएंगे। जबकि हेमकुंड साहिब के कपाट आगामी 22 मई को श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए जाएंगे। जिसकी सरकार की ओर से सभी प्रकार की तैयारी कर ली गई हैं। तीर्थयात्रियों और श्रद्धालुओं की सुरक्षा को ध्यान मे रखते हुए उत्तराखण्ड सरकार ने पहली बार ऑनलाइन और ऑफलाइन पंजीकरण व सत्यापन की व्यवस्था की है। इससे तीर्थयात्रियों व उनके वाहनों की सुरक्षा के साथ उन्हें आसानी से ट्रैक किया जा सकेगा। इसके लिए यात्रियों को क्यूआर कोड बना रिस्ट बैंड दिया जाएगा, जिसे धामों में स्कैन किया जाएगा। इससे पर्यटन विभाग को यह पता रहेगा कि कौन सा यात्री कहां पर है।
सचिव पर्यटन दिलीप जावलकर ने कहा कि उत्तराखंड की नैसर्गिक सुंदरता देश-विदेश के पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करती है। कोरोना महामारी के कारण यह क्षेत्र पिछले दो सालों में बड़े पैमाने पर प्रभावित हुआ था। लेकिन अब कोरोना के कम होते मामलों के बीच पर्यटन और होटल कारोबार पटरी पर लौटता दिखाई दे रहा है। पर्यटन विभाग ने टीवीसी (अपनाते हैं दिल खोल के) का निर्माण किया है। पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए बनाई गई यह विज्ञापन फिल्में पर्यटकों को उत्तराखण्ड आने के लिए आकर्षित करेंगी। जिनका उद्देश्य घरेलू पर्यटन को बढ़ावा देने के साथ उत्तराखण्ड को विश्व पटल पर एक ऐसे टूरिज्म डेस्टिनेशन के रूप में प्रमोट करना है, जो सही मायनों में सचमुच स्वर्ग है। इन फिल्मों के जरिए एक परिवार को ऐसे अदभुत संसार उत्तराखण्ड से मिलाने की कोशिश की गई है।
उत्तराखण्ड सरकार द्वारा पर्यटन को उद्योग का दर्जा प्रदान करते हुए पर्यटन नीति 2018 लागू की गई है। जिसके बाद से लगभग 3600 करोड़ रुपये का निवेश पर्यटन के क्षेत्र में हुआ है। कार्यक्रम के अंत में यूटीडीबी के अपर निदेशक विवेक सिंह चौहान ने सभी उपस्थित अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापित किया। इस अवसर पर यूटीडीबी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी कर्नल अश्विनी पुंडीर, उप निदेशक, योगेंद्र कुमार गंगवार, अपर निदेशक पूनम चांद समेत टूर ऑपरेटर, होटल एवं एडवेंचर एसोसिएशन के पदाधिकारी मौजूद उपस्थित थे ।