फिल्म समीक्षा : पार्ट टाइम जॉब

बॉलीवुड में इन दिनों एक नया ट्रेंड चल रहा है, वो ये कि, बड़े-बड़े एक्टर और डायरेक्टर शॉर्ट फिल्में कर रहे हैं। बॉलीवुड की जानी मानी एक्ट्रेस श्रेया नारायण भी इस ट्रेंड का हिस्सा बन गई हैं। उनकी शॉर्ट फिल्म पार्ट टाइम जॉब सात जून को चर्चित डिजिटल प्लेटफार्म दशॉर्टकट्स पर रिलीज हुई, पीयूष पांडे निर्देशित इस फिल्म में उनके साथ हाईवे और फैंटम जैसी फिल्मों में अभिनय के जौहर दिखा चुके अभिनेता हेमंत माहौर मुख्य भूमिका में हैं। इसके अलावा मास्टर प्रवर पांडे ने दस वर्षीय आदित्य का किरदार निभाया है।

पार्ट टाइम जॉब 21 मिनट की शॉर्ट फिल्म है, और इसकी कहानी एक दस साल के बच्चे आदित्य के इर्दगिर्द घूमती है। आदित्य टेबल टेनिस का खिलाड़ी है, या कहें सीख रहा है, लेकिन, वो माता-पिता की उपेक्षा से घुट रहा है। उसके मां-बाप का ध्यान खींचने की तमाम कोशिशें नाकाम हो रही हैं। उसकी बेचैनी तब और बढ़ जाती है, जब मां अक्षरा टेलीफोन पर कंसलटेशन देने का एक ऐसा पार्ट टाइम जॉब करना शुरू करती है, जो धीरे-धीरे फुल टाइम होता चला गया। आदित्य के पिता स्कूल में हिन्दी के टीचर हैं, और वो भी एक्स्ट्रा इनकम के लिए शाम को अखबार के ऑफिस में पार्ट टाइम जॉब करते हैं। मां-बाप दोनों ही अपने बच्चे पर उतना ध्यान नहीं दे पा रहे, जितना बच्चा चाहता है। बच्चे को ममता चाहिए, अपनत्व चाहिए और वो उसे मिल भी जाता है, लेकिन, जहां और जैसे मिलता है, उसे जानकर मां बाप के पैरों तले जमीन सरक जाती है।

फिल्म की कहानी अनूठी है, जिसे पीयूष पांडे ने लिखा है। इस फिल्म का प्लस प्वाइंट है इसकी अनूठी कहानी, जो रहस्य और रोमांच के आवरण में लिपटी हुई है। आप आखिरी तक अंदाज़ा नहीं लगा सकते कि मामला क्या है, लेकिन, जब क्लाइमेक्स होता है, तो दर्शक सोचता रह जाता है कि, क्या भविष्य में हमारे घरों में भी ऐसा होने वाला है। पियूष पांडेय 2017 में आई रणवीर शौरी और ग्रेसी सिंह स्टाटर ब्लू माउंटेंस के एसोसिएट डायरेक्टर थे। इसके अलावा, कोविड के दौर में स्टार प्लस पर आए कॉमेडी सीरियल महाराज की जय हो के कई एपिसोड के डायलॉगग उन्होंने लिखे थे।

इस फिल्म में बच्चे का किरदार मास्टर प्रवर ने निभाया है, जो खुद एक टेबल टेनिस प्लेयर हैं। फिल्म में रबीउल एजाज ने कैमरा संभाला है, जो कई जगहों पर बहुत बेहतरीन है। गब्बर इज बैक और राउडी राठौड जैसी बड़ी फिल्मों में आर्ट डायरेक्शन कर चुकी बोइशाली ने इस शॉर्ट फिल्म में भी आर्ट की महत्ता समझाई है। फिल्म को जाने माने हस्तशिल्प कारोबारी राजेश जैन ने प्रोड्यूस किया है, जो इससे पहले बच्चों पर केंद्रित ब्लू माउंटेंस प्रोड्यूस कर चुके हैं। उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा भी था कि, बच्चों के लिए फिल्में नहीं बनतीं और ये उनकी जिम्मेदारी है कि बच्चों पर केंद्रित फिल्में बनाई जाएं।

दरअसल, ये फिल्म सिर्फ एक फिल्म नहीं एक भी मैसेज है और इसलिए हर फैमिली को देखनी चाहिए। इस फिल्म का संदेश साफ है,और वो ये कि, अगर आप बच्चों को समय नहीं दोगे तो बच्चा वो समय कहीं औऱ खोजेगा…….और वो आपके लिए ठीक नहीं है।

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