नैनीताल 30 मार्च। उत्तराखंड हाई कोर्ट ने पीरूमदारा निवासी विकास चंद्र द्वारा उत्तराखंड सरकार की नई आबकारी नीति को लेकर दायर की गई याचिका पर सुनवाई करते हुए सरकार की नई आबकारी नीति पर अग्रिम सुनवाई तक के लिए रोक लगा दी है। मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी एवं न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ में हुई। जिसके बाद खंडपीठ ने प्रदेश की नई आबकारी नीति पर फिलहाल रोक लगाते हुए यथास्थिति बनाए रखने के बात की है। अदालत ने सरकार से 10 अप्रैल तक मामले में जवाब मांगा है, अगली सुनवाई 13 अप्रैल को होगी।
गौरतलब है कि उत्तराखंड सरकार ने 22 मार्च को नई आबकारी नीति की घोषणा की थी , जिसे 1 अप्रैल से प्रदेश भर में लागू होना था।
सरकार ने 25 मार्च को जारी की गई विज्ञप्ति में कहा था कि पुराने लाइसेंसधारी 29 मार्च तक अपनी दुकानों का नवीनीकरण करा सकते हैं । इसके बाद जिन दुकानों का नवीनीकरण नहीं हुआ होगा उनका आवंटन 31 मार्च को लॉटरी सिस्टम से किया जाएगा।
पीरूमदारा निवासी विकास चंद्र ने अपनी याचिका में कहा था कि आबकारी नीति की क्लॉज संख्या 5.3 व 6.3 के तहत देशी व अंग्रेजी शराब के लिए अलग-अलग नीति है। देशी शराब के लिए प्रति बोतल 270 रुपये गांरटी ड्यूटी तय की गई है, जबकि अंग्रेजी शराब के लिए अभी तक यह तय नहीं हुई है। इसलिए वे किस आधार पर दुकानों का नवीनीकरण कराएं। सरकार ने उन्हें लाइसेंस का नवीनीकरण करवाने के लिए समय भी कम दिया है।
उन्होंने अपनी याचिका में कहा है कि लॉटरी सिस्टम से आवंटन का समय भी कम दिया गया है। 29 को नवीनीकरण, 30 को अवकाश और 31 को दुकानों का लॉटरी से आवंटन होना है। याचिका में कहा गया कि सरकार ने उन्हें एक दिन का समय तक नहीं दिया है। खुद सरकार ने अभी तक रेट तय नहीं किए हैं, इसलिए इस पर रोक लगाई जाए।