देहरादून 02 दिसंबर। उत्तराखंड कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष करण महारा ने धामी सरकार पर समय से पहले ही मैदान छोड़ने का आरोप लगाया है। करन मेहरा ने कहा कि, 1 वर्ष में सत्र चलने की जो कम से कम अवधि है, उत्तराखंड की कार्य संचालन समिति ने 60 दिन निर्धारित की थी, लेकिन इसे उत्तराखंड का दुर्भाग्य ही कहा जा सकता है कि, किसी वित्तीय वर्ष में 15 से 18 दिन भी सत्र बमुश्किल चल पाता है। मेहरा ने कहा कि, आज जब प्रदेश में कानून व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है, उत्तराखंड हर बुरे काम के लिए राष्ट्रीय पटल पर शर्मसार हो रहा है, शिक्षा व्यवस्था में हम 35वें पायदान पर लुढ़क चुके हैं, स्मार्ट सिटी में धामी सरकार को अपने ही लोगों के सवालों का सामना करना पड़ रहा है, ऐसे में सत्र के दौरान विपक्ष के सवालों से बच निकलने का रास्ता धामी सरकार तलाश रही है।
उन्होंने कहा कि, आज प्रदेश अंकिता हत्याकांड के अनुत्तरित सवालों के जवाब चाहता है, केदार भंडारी लापता हैं, जीवित हैं भी या नहीं इस पर जवाब चाहता है, यूके ट्रिपलएससी को लेकर सरकार का आगे का रोडमैप क्या है यह जानना चाहता है, विधानसभा बैक डोर नियुक्तियों में एक तरफा कार्यवाही क्यों की जा रही है यह जानना चाहता है, अंकिता हत्याकांड में डोजर क्यों चलाया किसने चलाया वीआईपी कौन है चार्जशीट और पोस्टमार्टम रिपोर्ट अभी तक सार्वजनिक क्यों नहीं हो पा रही है, अंकिता को न्याय कब मिलेगा, बेरोजगारों के द्वारा जो लगातार आत्म हत्या हो रही है, उसके लिए राज्य सरकार क्या कर रही है?उधम सिंह नगर में ज्येष्ठ प्रमुख की पत्नी की हत्या हो जाती है।
सिंचाई विभाग के 228 पदों पर चयनित छात्रों की नियुक्ति नहीं की जाती, जंगली जानवरों से लगातार ग्रामीणों की जाने जा रही हैं, छोटे-छोटे बच्चे जंगली जानवरों का निवाला बन रहे हैं, खेती को बहुत बड़े पैमाने पर नुकसान हो रहा है, गन्ना किसानों को उनका भुगतान नहीं मिल पा रहा है, वहीं दूसरी ओर 70 विधानसभाओं की अपनी-अपनी दिक्कत और परेशानियां हैं। मेहरा ने कहा कि, इतनी अल्प अवधि का यदि सत्र चलेगा तो आम जनता की समस्याओं का निवारण किस तरह होगा ??महारा ने कहा कि, प्रचंड बहुमत और डबल इंजन की सरकार के बावजूद विपक्ष के सवालों से धामी सरकार इतना घबराई हुई है कि, पिछले 5 साल के कार्यकाल में भी सोमवार को कभी सत्र आहूत नहीं किया गया और वैसा ही कुछ इस वर्ष भी देखने को मिल रहा है, क्योंकि सोमवार मुख्यमंत्री के अधीन जितने विभाग हैं, उन पर प्रश्न लगे होते हैं जो कि, सर्वाधिक विभागों के मंत्री हैं, परंतु इसे विडंबना ही कहा जा सकता है कि, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी एक प्रचंड बहुमत की सरकार के मुखिया होने के बावजूद भी इतना आत्मविश्वास खुद के अंदर नहीं पाते हैं कि, सवालों का सामना कर पाए।
मेहरा ने कहा कि, उन्होंने पहले ही भविष्यवाणी कर दी थी कि, धामी सरकार रणछोड़ दास है और बहुत ज्यादा अवधि तक यह सत्र नहीं टिकेगा।