देहरादून 06 अगस्त। उत्तराखंड में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने आज एक बड़ा एलान किया है, उन्होंने अपने फेसबुक पर जारी किए गए बयांन में कहा है कि वे महंगाई, बेरोजगारी और हरिद्वार पंचायत चुनाव समेत अन्य मुद्दों को लेकर 18 अगस्त को मुख्यमंत्री आवास पर भूख हड़ताल करेंगे। इससे पहले यह हड़ताल 7 अगस्त को होनी थी, लेकिन सीएम पुष्कर सिंह धामी के बाहर होने के कारण 18 अगस्त को उपवास करेंगे। जबकि हरिद्वार में 16 अगस्त को सरकार के खिलाफ पैदल मार्च निकालेंगे।
पढ़िए क्या कहा है हरीश रावत ने
अब मैं कल 7 अगस्त के स्थान पर 18 अगस्त, 2022 को मुख्यमंत्री आवास पर #उपवास करूंगा। मैं चाहता हूं कि माननीय मुख्यमंत्री जी इस दौरान उस सारी स्थिति की जानकारी ले लें जिनसे बाध्य होकर मुझको उनके आवास पर उपवास पर बैठना पड़ रहा है। मेरा यह उपवास, सामान्य राजनीतिक उपवास नहीं है।
जिस प्रकार से हरिद्वार में एक गिरोह द्वारा पंचायती व्यवस्था का पूरी तरह से अपहरण कर लिया गया है। ग्रामीण क्षेत्रों में किसी जाति-धर्म से संबंधित उस व्यक्ति को, जो व्यक्ति अपनी पंचायत को सशक्त नेतृत्व दे सकता है, आरक्षण और परिसीमन के अस्त्र का उपयोग कर उसको चुनाव मैदान से हटा दिया गया है। ताकि पंचायती तंत्र में सशक्त नेतृत्व न आ सके और इसलिए यह सब कदम उठाए गए हैं और अब वही गिरोह सरकारी अधिकारियों पर दबाव डालकर सामाजिक कार्यकर्ताओं व कांग्रेस कार्यकर्ताओं को डरा-धमका रहा है, उनको तड़ीपार करने की धमकी दी जा रही है, मुकदमे ठोके जा रहे हैं, उनके काम-धंधों को बर्बाद किया जा रहा है, उत्तराखंड के इतिहास में ऐसा विद्वेषपूर्ण कार्य कभी नहीं हुआ। इसलिए अपने नागरिक कर्तव्य को और विशेष तौर पर हरिद्वार के प्रति अपने समर्पण से प्रेरित होकर के मैंने बहुत दु:खी मन से मुख्यमंत्री जी के आवास पर उपवास का निर्णय लिया ताकि पूरे राज्य के लोग स्थिति को समझ सकें और इसीलिए मैंने अपने उपवास का नाम एकांगी उपवास रखा।
उन्होंने आगे लिखा कि मैंने कांग्रेसजनों से भी आग्रह किया कि वो वहां न आएं, मैं अकेले उपवास पर बैठूंगा। क्योंकि मेरा उद्देश्य कोई राजनीतिक प्वाइंट्स स्कोर करना नहीं है, मेरा मकसद चीजें/स्थितियां सुधरें और मुख्यमंत्री जी सर्वकल्याण के लिए काम करें, इस संदेश को मुख्यमंत्री जी तक पहुंचाना है। क्योंकि कल मुख्यमंत्री जी देहरादून में नहीं हैं, इसलिए मैंने अपने कल के उपवास को स्थगित करके 18 अगस्त को उपवास करने का निर्णय लिया है। देखते हैं तब तक माननीय मुख्यमंत्री जी कुछ कदम उठाते हैं तो मुझे अच्छा लगेगा। मैं उनको साधुवाद दूंगा और यदि नहीं उठाते हैं तो संघर्ष जारी रहेगा।