पौड़ी 16 जून। उत्तराखण्ड राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण नैनीताल के दिशा-निर्देशन पर आज जिला मुख्यालय दीवानी न्यायालय परिसर पौड़ी में जिला जज/अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण पौड़ी के मार्गदर्शन में नालसा (जनजातियों के अधिकारों का संरक्षण एवं प्रवर्तन) योजना, 2015 के सम्बन्ध में प्रत्येक थानों के स्पेशल जुवनाईल पुलिस युनिट के सदस्यों/ समस्त थानों के थानाध्यक्षों/सदस्य किशोर न्याय बोर्ड/सदस्यगण बाल कल्याण समिति /न्यायिक अधिकारीगण/प्रभारी अधीक्षक सम्प्रेक्षण गृह तथा पराविधिक स्वयसेवीगणों को संवेदनशील करने हेतु रिफ्रेशर ट्रेनिंग का आयोजन किया गया।
सीनियर सिविल जज/सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण पौड़ी गढ़वाल अकरम अली ने कहा कि सभी अधिकारी व कर्मचारियों को जनजातीय व्यक्तियों के अधिकारों का संरक्षण एवं प्रवर्तन के लिए कार्य करना चाहिए। साथ ही जनजातीय क्षेत्रों में जाकर उनकी समस्यों व उनके अधिकारों के बारे में उन्हें जागरूक करने की आवश्यकता है। उन्होंने पुलिस संशोधन अधिनियम 2018 के बारे में भी विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने उपस्थित समस्त कर्मचारियों तथा अधिकारियों को मा0 उच्चतम न्यायालय द्वारा क्रिमिनल अपील संख्या 135 सन् 2010 बुधादेव कर्मास्कर बनाम स्टेट ऑफ वेस्ट बंगाल व अन्य में दिनांक 19 मई, 2022 को पारित आदेश व दिशा निर्देशों के बारे में चर्चा कर यौनकर्मियों के अधिकारों व पुर्नवास हेतु आवश्यक दिशा निर्देश दिये।
रिफ्रेशर ट्रेनिंग में उपस्थित मा0 मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट रवि प्रकाश द्वारा उपरोक्त योजना तथा किशोर न्याय एवं बालकों का संरक्षण अधिनियम के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारियां दी गयी। इस अवसर पर रिफेशर ट्रेनिंग में सीनियर सिविल जज नेहा कय्यूम व न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी अशीष तिवारी मौजूद रहे। कार्यक्रम का संचालन कुमार रिटेनर अधिवक्ता जिला विधिक सेवा प्राधिकरण पौड़ी द्वारा किया गया ।