धुमाकोट पुलिस ने सिमड़ी चेकपोस्ट पर पकड़ा 13 लाख रुपये का गांजा, एक गिरफ्तार - MeraUK.com

धुमाकोट पुलिस ने सिमड़ी चेकपोस्ट पर पकड़ा 13 लाख रुपये का गांजा, एक गिरफ्तार

गढ़वाल कुमाऊं सीमा पर पैर पसारता भांग-गांजा माफिया:

डॉ बिहारीलाल जलन्धरी

सराईखेत 26 फ़रवरी। अल्मोड़ा की लखोरा घाटी से विगत शुक्रवार को गांजे की एक बहुत बड़ी खेप जोगीमढी होते हुए दुनाव से सिमड़ी पुलिस चेकपोस्ट पर पकड़ी गईं। सिमड़ी पुलिस चेकपोस्ट पर नजीबाबाद की एक तेज रफ्तार गाड़ी को पुलिस द्वारा रोकने का प्रयास किया परन्तु वह बैरिकेडिंग तोड़ कर भागने में सफल हो गई । पुलिस द्वारा पीछा करने पर गाड़ी के पिछले टायर पर गोली मारी तब जाकर तस्कर रुके और गाड़ी को छोड़ कर भाग गया ।

गिरफ्तार अभियुक्त ने बताया कि उसने सिमडी में पुलिस का बैरिकेट तोड़ कर भागने का प्रयास किया, परन्तु पुलिस द्वारा गाड़ी के टायर पर गोली लगने से वे सभी गाड़ी छोड़कर फरार हो गए। अगले दिन 25-02 को सुबह ढिसवाणी से लोकल टैक्सी में बैठकर संगलाकोटी को निकल रहे थे,इस दौरान टैक्सी में बैठे सवारियों को उसपर शक हो गया और उन्होंने पुलिस को सूचित कर दिया । मौके पर पहुँची सिमडी चौकी प्रभारी ने तस्कर को गिरफ्तार कर गाड़ी से 85 किलो के लगभग गांजा बरामद किया ।

गिरफ्तार अभियुक्त रणधीर सिंह ने पूछताछ में बताया कि वह सनोज नेगी ग्राम भगल्वाडी व ज्ञान सिंह प्रधान पति ग्राम मठखानी से 85 किलो अवैध गांजा उसके घर गाँव भंगलवाड़ी, बजवाड़, सराइखेत, अल्मोड़ा से खरीद कर लाया था। अवैध गांजा मुरादाबाद में ले जाकर ऊंचे दामों में बेचता है और मुनाफा कमाता है। गिरफ्तार आरोपी ने बताया कि वे लोग कई बार निजी एम्बुलेंस में लखोराघाटी से गांजा सप्लाई कर चुके हैं। गिरफ्तार तस्कर को पुलिस द्वारा धुमाकोट थाने ले जाया गया है। जिस सम्बन्ध में अभियुक्त के विरूद्ध थाना धुमाकोट में NDPS ACT के तहत अभियोग पंजीकृत कर वैधानिक कार्यवाही की गयी है | तस्करी की लिए उपयोग की गई कार स्विफ्ट डिजायर जिसका नंबर UP 16 A 08638 है। पुलिस ने गाड़ी को जब्त कर लिया है।

इन तस्करों द्वारा पहाड़ से अलग अलग रास्तों द्वारा भांग गांजे की तस्करी एक लम्बे अर्से से की जा रही है। अब एक सुरक्षित रूट के माध्यम से इस तस्करी को अंजाम दिया जा रहा है। वे लोग लखोरघाटी से गांजा भांग इकट्ठा करते हैं और जोगीमढी या फिर कालिंका- केदारगली – दुनाव होते हुए कोटद्वार से नजीबाबाद में पहुंचाते हैं। स्थानीय निवासियों का कहना है कि स्थानीय लोग यदि रोक टोक करते हैं तो तस्कर उन्हें हवा में तमंचा लहराकर धभकी देते हैं । इस बारदात में कई स्थानीय लोगों की मिलीभगत भी सामने आ रही है।

यदि बाहर से आने वाले और उत्तराखंड में इन्हें आश्रय देने वालों पर कोई शख्ती से कार्यवाही नहीं होगी तो इनके हौसले और भी बढ़ेंगे। यदि थाना धुमाकोट द्वारा इन पर कोई कार्यवाही नहीं की जाती तो इस क्षेत्र में इस तरह के लोगों को रोकने के लिए प्रशासन के खिलाफ एक बहुत बड़ा आंदोलन होने के आसार निकट भविष्य में पैदा हो रहे हैं। इस क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों का इस समस्या की ओर आंखें मूंद रखी हैं उनके नाकारा रवैए पर भी क्षेत्रीय जनता मुखरित होगी।

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