नाबार्ड के तहत स्वीकृत प्रस्तावों से कम ऋण वितरण पर मुख्य सचिव ने जताई सख्त नाराजगी - MeraUK.com

नाबार्ड के तहत स्वीकृत प्रस्तावों से कम ऋण वितरण पर मुख्य सचिव ने जताई सख्त नाराजगी

देहरादून 10 जनवरी। नाबार्ड के तहत स्वीकृत प्रस्तावों के सापेक्ष विभागों द्वारा लक्ष्य से कम ऋण वितरण पर सख्त नाराजगी व्यक्त करते हुए मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने डिस्बर्समेंट को गम्भीरता से लेते हुए ऋण वितरण व अदायगियों के लक्ष्य को तत्परता से पूरा करने के निर्देश दिए हैं। मुख्य सचिव ने सभी विभागों के सचिवों एवं विभागाध्यक्षों को ऋण वितरण एवं अदायगियों में तेजी कार्य करने के निर्देश दिए हैं। विभागों द्वारा ऋण वितरण एवं अदायगियों के साथ ही नाबार्ड को प्रस्ताव भेजने के दौरान प्रक्रियाओं में हो रहे विलम्ब का संज्ञान लेते हुए मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने प्रक्रियाओं के सरलीकरण व तीव्रता के निर्देश दिए हैं। मुख्य सचिव ने धीमी गति से चल रहे सभी प्रोजेक्ट्स पर तेजी से कार्य करने के भी निर्देश दिए हैं।

मुख्य सचिव ने नाबार्ड को प्रस्तावों की स्वीकृति में तेजी लाने के भी निर्देश दिए हैं। मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने सचिवालय में नाबार्ड की आरआईडीएफ (ग्रामीण अवसंरचना विकास निधि) पर उच्चाधिकार प्राप्त समिति (एचपीसी) की बैठक की अध्यक्षता की। मुख्य सचिव ने कहा कि स्वीकृत प्रस्तावों के सापेक्ष विभागों द्वारा डिस्बर्समेंट की प्रगति संतोषजनक नहीं है। सभी विभागों को इसमें तेजी लाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि विभागों द्वारा वितरण और अदायगियों में आ रही समस्याओं का निवारण कर शीघ्र कार्यों को पूर्ण किया जाए। मुख्य सचिव ने प्रस्तावों की लगातार मॉनिटरिंग किए जाने के निर्देश दिए हैं।

राज्य में नाबार्ड के तहत ग्रामीण अवसंरचना विकास निधि (आरआईडीएफ) से 2.39 लाख हेक्टेयर भूमि पर सिचाई सुविधाओं का सृजन एवं पुनर्द्धार किया गया है। लगभग 15570 किमी ग्रामीण सड़कों के नेटवर्क का निर्माण एवं सुधार किया गया है। 27729 मीटर ब्रिज का निर्माण हो चुका है। 23.77 लाख ग्रामीण आबादी को पेयजल सुविधा मिल चुकी है। 239 स्कूल एवं आईटीआई का निर्माण एवं पुनर्द्धार हो चुका है।

आज की बैठक में अपर मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन, सचिव नितेश झा, दिलीप जावलकर, पंकज कुमार पांडेय सहित सभी संबंधित विभागों के सचिव, अपर सचिव एवं विभागीय अधिकारी मौजूद रहे।

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