एक साल से कम समय में शानदार क्वालिटी प्रॉडक्ट के दम पर बनाई बाजार में पकड़
देहरादून 26 नवंबर। ग्राम्य विकास विभाग के अधीन, हाउस ऑफ हिमालयाज, उत्तराखंड के महिला स्वयं सहायता समूहों, किसानों, किसान उत्पादक संगठनों और ग्रामीण उद्यमियों द्वारा बनाए गए उत्पादों का कॉमन ब्रांड है। इसका उद्घाटन खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों, दिसंबर 2023 में देहरादून में आयोजित ग्लोबल इंवेस्टर समिट के दौरान हुआ था। प्रधानमंत्री के हाथों उद्घाटन के बाद हाउस ऑफ हिमालयाज के उत्पादों की एकाएक मांग बढ़ी है। बीते 11 महीनों में ही हाउस ऑफ हिमालयाज कुल 34,52,330 रुपए की बिक्री दर्ज करने में कामयाब रहा है। अब हाउस ऑफ हिमालयाज ब्रांड के उत्पाद ऑफलाइन के साथ ही ई कामर्स साइट अमेजन और ब्रांड की खुद की अपनी वेबासइट https%@@houseofhimalayas-com@ पर भी मिल रहे हैं।
एक करोड़ सालाना बिक्री का लक्ष्य
सचिव ग्राम्य विकास राधिका झा के मुताबिक उत्तराखंड की साठ प्रतिशत से अधिक आबादी ग्रामीण क्षेत्र में रहती है, ऐसे में हाउस ऑफ हिमालयाज ग्रामीण आर्थिकी के मामले में गेम चेंजर साबित होने जा रही है। योजना के तहत अगले तीन साल में कुल ब्रिकी करोड़ के पार पहुंचाते हुए, पांच लाख महिलाओं की वार्षिक आय एक लाख के पार ले जाते हुए उन्हें लखपति दीदी बनाने का लक्ष्य रखा गया है। योजना के तहत किसानों और ग्रामीण महिलाओं की आय में 50 से 75 प्रतिशत की वृद्धि का लक्ष्य रखा गया है।
आठ श्रेणी में 35 उत्पाद
वर्तमान में हाउस ऑफ हिमालयाज ब्रांड के तहत आठ श्रेणी में कुल 35 उत्पादों को शामिल किया गया है। इसमें मिलेट्स बिस्किट, मुन्स्यारी, चकराता, हर्षिल की राजमा, चौलाई, तोर दाल, पहाड़ का परंपरागत लाल चावल, झंगोरा, गहथ, काले भट्ट, चाय, तेल, पर्सनल केयर, हैंडीक्राफ्ट के उत्पाद शामिल हैं। सरकार स्थानीय मेलों, त्यौहार के मौकों पर हाउस ऑफ हिमालयाज के उत्पादों को खरीदने पर जोर दे रही है। साथ ही सरकारी कार्यक्रमों और कार्यालयों के जरिए भी हाउस ऑफ हिमालयाज की बिक्री बढ़ाने की रणनीति तैयार की गई है। दिवाली जैसे त्यौहार के लिए हाउस ऑफ हिमालयाज की ओर से खास गिफ्ट पैक उपलब्ध कराए गए थे, जिन्हें खूब पसंद किया गया।
———————————-
राज्य के समग्र विकास के लिए, गांवों की आर्थिकी मजबूत की जानी जरूरी है। इस लक्ष्य को प्राप्त करने में हाउस ऑफ हिमालयाज ब्रांड महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। इस ब्रांड के तहत उत्तराखंड के परंपरागत उत्पाद अब देश विदेश में पहुंच रहे हैं, सरकारी खरीद के जरिए भी ब्रांड की मांग बढ़ाई जा रही है।
पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री