इस्लामाबाद 12 अगस्त। पाकिस्तान में चल रही राजनैतिक उठापटक के बीच नेशनल असेंबली को भंग कर दिया गया है व चुनाव होने तक देश को चलाने के लिए अनवार उल हक को केयर टेकर पीएम बनाया गया है । विपक्ष और सरकार में इस नाम पर सहमति बन गई है , अनवार कल यानि रविवार को शपथ लेंगे । ये ब्लूचिस्तान अवामी पार्टी (BAP) के सीनेटर हैं। शाहबाज शरीफ और नेशनल असेंबली में विपक्ष के नेता राजा रियाज ने उनके नाम को राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए भेजा है।
पाकिस्तान के संविधान के मुताबिक संसद भंग होने के बाद एक न्यूट्रल केयर टेकर सरकार 90 दिनों के भीतर देश में कामकाज के लिए जिम्मेदार होती है। अब अनवार पर ही पाकिस्तान में निष्पक्ष चुनाव कराने की जिम्मेदारी होगी। अनवार उल हक का नाम दो बैठकों के बाद तय हुआ है। केयर टेकर पीएम चुनने के लिए शाहबाज शरीफ और राजा रियाज के बीच पहली बैठक 10 अगस्त को हुई थी। इसके बाद वो कल रात फिर डिनर पर मिले। अनवार 2018 में पहली बार इंडिपेंडेंट कैंडिडेट के तौर पर सीनेटर चुने गए थे।
पाकिस्तान की न्यूज वेबसाइट डॉन के मुताबिक केयर टेकर प्रधानमंत्री चुनने में जो देरी हुई उसकी वजह रजा रियाज का इस पद के लिए किसी दूसरे का नाम सुझाना था। वो PML-N के सुझाए गए नाम पर राजी नहीं हो रहे थे। वहीं, रिपोर्ट्स के मुताबिक लंदन से पू्र्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ अपने भाई शाहबाज के जरिए पूर्व वित्त मंत्री इशाक डार को केयर टेकर पीएम बनवाने के लिए दबाव बना रहे थे।
हालांकि, बाद में शाहबाज और राजा रियाजे के बीच केयर टेकर के पीएम के लिए अनवार उल हक के नाम पर सहमति बनी। राजा रियाज ने उनके नाम की घोषणा होने के बाद कहा है कि अनवार का नाम उन्होंने ही सुझाया था। काउंसिल ऑफ कॉमन इंट्रेस्ट (CCI) ने पिछले हफ्ते मीटिंग की थी। इसमें जनगणना 2023 को मंजूरी दी गई थी। अब इलेक्शन कमीशन ऑफ पाकिस्तान (ECP) को इसी जनगणना के आधार पर नए चुनाव क्षेत्र (परिसीमन या delimitation) बनाने हैं।
इलेक्शन कमीशन कह चुका है कि उसे परिसीमन के लिए कम से कम 6 महीने चाहिए। इसके बाद ही वो राज्यों या फिर नेशनल असेंबली के इलेक्शन करा सकता है। जनगणना को चारों राज्य भी मंजूर कर चुके हैं। लिहाजा, परिसीमन के लिए 6 महीने दिए जाएंगे और अगले साल फरवरी या मार्च से पहले चुनाव कराना मुमकिन नहीं होगा।