अल्मोड़ा :खतरे में स्कूली बच्चों की जान

अल्मोड़ा। तो क्या अल्मोड़ा का सरकारी प्रशासन और उसका शिक्षा विभाग चंपावत के मौनकांडा विद्यालय वाले हादसे का इंतजार कर रहा है जहाँ शौचालय की छत गिरने से छात्र की मौत हो गई थी? कुछ कुछ यही हाल अल्मोड़ा के हवालबाग स्थित जीआईसी कमलेश्वर स्कूल की बिल्डिंग का भी है जो अब जर्जर हो चुकी है। हालत में है कि स्कूल की बिल्डिंग की दीवारों और छत पर दरारें पड़ चुकी हैं। स्कूल में 200 छात्र छात्राएं खतरों के बीच पढ़ाई करने के लिए मजबूर हैं। शिक्षा विभाग की ओर से इस भवन के ध्वस्तीकरण का प्रस्ताव भी शासन में भेजा जा चुका है लेकिन अब तक भवन का ध्वस्तीकरण नहीं किया गया है। बारिश का सीजन शुरू होने वाला है लेकिन प्रशासन व शिक्षा विभाग आखें मूंदे बैठा है।

गौरतलब है कि जीआईसी कमलेश्वर की बिल्डिंग का निर्माण वर्ष 1960 में बनकर तैयार हुआ था । तब से इसी भवन में स्कूल संचालित हो रहा है। भवन की मरम्मत नहीं होने से यह वर्तमान में पूरी तरह जर्जर हो गया है। दीवारों और छत पर दरारें पड़ चुकी हैं। हल्की बारिश में भी छत से पानी टपककर कक्षों में घुस जाता है। यह भवन कभी भी भरभराकर गिर सकता है।

अकेले कुमाऊं मंडल की अगर बात करें तो यहां 323 सरकारी स्कूल जर्जर भवनों में चल रहे हैं। चम्पावत वाली घटना के बाद शिक्षा विभाग ने घटना से सबक लेते हुए जर्जर भवनों में किसी भी हाल में कक्षाओं का संचालन नहीं करने और इन भवनों के ध्वस्तीकरण का फरमान तो जारी कर दिया था लेकिन उसका कोई असर कही भी दिखा नहीं, ऐसा ही एक फरमान जीआईसी कमलेश्वर के लिए भी जारी हुआ था लेकिन प्रशासन और प्रदेश सरकार इस मामले के बाद आखें बंद करके बैठी हुई है।

मंडलीय अपर शिक्षा निदेशक कार्यालय की रिपोर्ट के अनुसार कुमाऊं के 278 प्राथमिक स्कूलों के भवन जीर्ण क्षीर्ण स्थित में हैं। जिसमें से अल्मोड़ा के कुल प्राथमिक स्कूल 1246 में से 66, बागेश्वर में 563 में से 36, चंपावत में 484 में से 20, नैनीताल में 945 में से 54, पिथौरागढ़ में 1057 में से 73, तथा ऊधमसिंह नगर में 779 में से 29 समेत कुल 5075 स्कूल भवनों में से 278 प्राथमिक स्कूल भवन खतरे की जद में हैं। ये हाल तो प्राथमिक स्कूलों का है, हाई स्कूल और इंटरमीडिएट विद्यालयों की रिपोर्ट के अनुसार कुमाऊं में 1020 उच्च प्राथमिक विद्यालय भवनों में से 45 जीर्ण क्षीर्ण हाल में हैं। अल्मोड़ा में 168 में से 11, बागेश्वर में 111 में से शून्य, चंपावत में 92 में से तीन, नैनीताल में 219 में से 12, पिथौरागढ़ में 219 में से छह तथा ऊधमसिंह नगर में दो सौ में से 13 उच्चप्राथमिक स्कूल भवन जर्जर हाल में हैं।

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