बेंगलुरु में आयोजित ग्लोबल इन्वेस्टर समिट रोड शो के दौरान हुए 4600 करोड़ के एमओयू - MeraUK.com

बेंगलुरु में आयोजित ग्लोबल इन्वेस्टर समिट रोड शो के दौरान हुए 4600 करोड़ के एमओयू

बेंगलुरु 28 अक्टूबर। शनिवार को उत्तराखंड सरकार तथा राज्य में निवेश हेतु उत्साहित विभिन्न क्षेत्रों की 18 कंपनियों के मध्य बेंगलुरु रोड शो में कुल 4600 करोड़ के MoU किए गए जिनमे भारत सेमीकंडक्टर सोसायटी (सेमीकंडक्टर विनिर्माण इकोसिस्टम के लिए एमएसएमई इकाइयों का क्लस्टर), हेज प्रिसिजन प्रोडक्ट्स लिमिटेड (ऑटो कंपोनेंट प्लांट), रेडवुड ग्रुप (पर्यटन रिज़ॉर्ट) , केईसी एग्रीटेक (वैकल्पिक ऊर्जा), हिमालयन बास्केट (एफपी विनिर्माण), सिलेज एग्रो (पशु पोषण, चारा, भ्रूण स्थानांतरण और क्लस्टर आधारित डेयरी फार्मिंग), इंस्पायर (कौशल, महिला उद्यमिता), जीरोहार्म (मेडिकल कैनबिस), निशांत अरोमास (आवश्यक तेल), कुमाऊं हिमालयन बेवरेजेज लिमिटेड (पेय पदार्थ विनिर्माण संयंत्र), न्यूट्रियार्क प्राइवेट लिमिटेड (न्यूट्रास्यूटिकल्स) डीई पेड्रो शुगर इंडस्ट्रीज (अस्पताल), स्काईलार्क ड्रोन (ड्रोन सॉफ्टवेयर $ स्किलिंग), सीडीएसई (इन्क्यूबेटर्स), त्रिलोकेश एक्सपोर्ट्स (लैबग्रोन डायमंड्स) शहरी क्षेत्र (इलेक्ट्रिक बसें विनिर्माण) के MoU शामिल थे।

उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में संयुक्त अरब अमीरात, ब्रिटेन एवं दिल्ली में कुल मिलाकर अब तक चौंसठ हजार सात सौ पचास करोड़ (64700 करोड) के इन्वेस्टमेंट एमओयू साइन किए जा चुके हैं। जिसमें यूएई में 15475 करोड, ब्रिटेन में 12500 करोड़ और दिल्ली में अयोजित दो अलग-अलग कार्यक्रमों में 26575 करोड़ के एमओयू (4 सितंबर को 7600 करोड़ एवं 4 अक्टूबर को दिल्ली रोड शो के दौरान 18975 हजार करोड़ रूपये ) तथा चेन्नई रोड शो में 10150 करोड़ के किये जा चुके हैं। अब बंगलुरु में 4600 करोड़ के एमओयू किए गए हैं।

इस अवसर पर निवेशकों को सम्बोधित करते हुए कैबिनेट मंत्री श्रीमती रेखा आर्य ने कहा कि 2000 में पृथक राज्य गठन के पश्चात उत्तराखंड राज्य ने वैश्विक स्तर पर अपनी एक पहचान स्थापित की है। उत्तराखण्ड न केवल देश में, अपितु विश्व में भारत के स्विट्जरलैंड के नाम से विख्यात है। पृथक राज्य के रूप में अस्तित्व में आने के बाद खाद्य प्रसंस्करण, बीवरेजेज, टैक्सटाइल एवं एप्रैल्स पेपर एवं पेपर प्रॉडक्ट, फार्मा, इलैक्ट्रिकल, इलैक्ट्रॉनिक्स, एफ०एम०सी०जी०, फैबरिकेटेड मैटल प्रॉडक्ट, प्लाईवुड, रबर एवं प्लास्टिक प्रॉडक्ट्स, केमिकल प्रॉडक्ट्स, पैकेजिंग आदि सैक्टरों में वैश्विक एवं देश के प्रमुख औद्योगिक घरानों द्वारा निवेश किया गया है।

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने निवेश के लिये फोकस सैक्टरों की पहचान की है, जो कि राज्य के पारम्परिक क्षेत्रों जैसे पर्यटन एवं आतिथ्य, आयुष एवं वैलनेस, फिल्म शूटिंग तथा खाद्य प्रसंस्करण, ऑटोमोबाईल्स, फार्मा के साथ-साथ आने वाले क्षेत्रों जैसे नवीकरणीय ऊर्जा और सूचना प्रौद्योगिकी की मजबूती के लिये एक संमिश्रण है। राज्य में टाटा, अशोक लीलैण्ड, बजाज, हीरो होण्डा, महेन्द्रा जैसे उद्योग समूह के प्लांट स्थापित हैं और हरिद्वार तथा पन्तनगर देश के एक प्रमुख ऑटो हब के रूप में विकसित हुआ है।

कैबिनेट मंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड भी फार्मा हब के रूप में प्रतिष्ठित हो रहा है। उत्तराखण्ड राज्य में देहरादून, हरिद्वार तथा पंतनगर में फार्मा इकाईयों की भी काफी संख्या में क्लस्टर के रूप में स्थापना हुई है, जिनमें एकम्स एण्ड ड्रग्स, मेन-काइण्ड एस्कंग फार्मा प्रा० लि० प्रमुख हैं। उत्तराखण्ड नैसर्गिक रूप से एक जैविक राज्य है, जहां लगभग 1.52 लाख हेक्टेयर भूमि जैविक रूप से प्रमाणित है। राज्य में खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में वैश्विक ब्रांड के साथ-साथ देश के प्रतिष्ठित ब्राण्ड यथा नेस्ले, ब्रिटानिया, हल्दीराम, पार्ले, डाबर, आईटीसी आदि की इकाईयां स्थापित हैं। राज्य में दो मेगा फूड पार्क और चार फूड क्लस्टर स्थापित हैं। हमारी सरकार राज्य के उत्पादित कृषि उपज को जैविक प्रमाणीकरण के साथ-साथ 9 उत्पादों के जीआई प्रमाणीकरण प्राप्त किये हैं। 18 अन्य उत्पाद के जैविक प्रमाणीकरण शीघ्र ही प्राप्त हो जायेंगे।
कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि राज्य गठन के पश्चात् हमने उत्तराखण्ड को आयुष के क्षेत्र में अग्रणी राज्य बनाने का संकल्प व्यक्त किया है। इसके माध्यम से आयुर्वेद, योग और प्राकृतिक चिकित्सा को प्रमुखता प्रदान करते हुए पर्यटकों को इन उपचारों का लाभ उठाने का अवसर उपलब्ध होगा । सरकार अनुसंधान और विकास संस्थानों और प्रतिष्ठित कंपनियों के साथ मिलकर औषधीय पौधों और अनुप्रयोगों तथा योग के व्यवसायिक उत्पादन में अनुसंधान एवं शोध कर रही है। राज्य से औषधीय और सुगन्ध पौध निर्यात क्षेत्र के अन्तर्गत देहरादून, चमोली, उत्तरकाशी, पिथौरागढ़, नैनीताल, ऊधमसिंहनगर और हरिद्वार जिले शामिल हैं। उत्तराखण्ड में योग की विश्व राजधानी बनने की क्षमता है, क्योंकि यह योग की जन्म स्थली है। राज्य में योग ग्राम की अवधारणा योग को पर्यटन से जोड़ने का एक प्रयास है। राज्य सरकार वेलनेस टूरिज्म को भी बढ़ावा दे रही है। राज्य सरकार द्वारा आयुष एवं वेलनेस तथा पर्यटन को उद्योग का दर्जा दिया गया है, ताकि इन क्षेत्रों के निवेशकों को प्रदेश की औद्योगिक नीतियों के तहत उद्योगों को मिलने वाले प्रोत्साहनों का लाभ मिल सके।

उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में पतंजलि, फॉरेस्ट इसेन्सियल, ब्लाजम कोचर, वीएलसीसी, एसआरआई. हिमालया आयुर्वेद आदि जैसे प्रसिद्ध वेलनेस औद्योगिक प्रतिष्ठानों की इकाइयां स्थापित हैं आनन्दा एवं वेस्ट-इन नरेन्द्रनगर वाना रिट्रीट, हयात, देहरादून और प्रमुख हॉस्पिटेलिटी चेन के रूप में ताज, ऋषिकेश एवं हरिद्वार, मैरियेट इन्टरनेशनल, मसूरी प्रमुख वेलनेस रिसॉर्ट उत्तराखंड में पहले से ही हैं।

इस अवसर पर सचिव शैलेश बगौली, डॉ बी वी आर सी पुरुषोत्तम, डॉ पंकज कुमार पांडे, चेयरमैन सी आई आई कर्नाटक विजय कृष्णन वेंकटेशन, एग्जीक्यूटिव वाइस प्रेसिडेंट आईटीसी लिमिटेड नील किंग्सटन जेसपर , चेयरमैन रॉयल आर्किड होटल चन्दर बलजी तथा भारी संख्या में विभिन्न क्षेत्रों के निवेशक एवं उद्योगपति मौजूद रहे। बेंगलुरु में आयोजित रोड शो के दौरान लॉकहीड मार्टिन, डसॉल्ट और इंफोसिस जैसे तीन वैश्विक व्यापार समूहों के वरिष्ठतम प्रबंधन की उत्तराखंड सरकार के अधिकारियों से राज्य में निवेश के उद्देश्य से विस्तृत चर्चा हुई इन समूहों ने उत्तराखंड में निवेश की लिए अति उत्साह दिखाया है।

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