देहरादून 09 सितम्बर। प्रदेश के किसानों को जंगली सुअरों और बंदरों के आतंक से निजात दिलाने के लिए सरकार मिशन लाल लोमड़ी शुरू करने जा रही है। शुक्रवार को विधान सभा में कार्यस्थगन के दौरान विपक्ष ने जंगली सुवरों और बंदरों के आतंक का मुद्दा उठाया, जिस पर वन मंत्री सुबोध उनियाल ने सरकार की ओर से जवाब दिया। नियम-58 के अंतर्गत विधायक मनोज तिवारी ने कहा कि पूरा गढ़वाल और कुमाऊं जंगली सुवरों से परेशान है , किसान त्रस्त हैं। बंदरों का आतंक अलग है। विधायक प्रीतम सिंह ने कहा, किसानों को आत्मनिर्भर बनाने के दावे जंगली जानवरों के आतंक से हवा-हवाई साबित हो रहे हैं।
प्रीतम सिंह ने कहा,कि बाघ अब जंगल से निकलकर घरों की दहलीज तक आ गया है, लेकिन उन्हें मारने पर मुकदमा दर्ज होता है। जवाब में वन मंत्री सुबोध उनियाल ने बताया, वाइल्डलाइफ प्रोटेक्शन एक्ट के तहत पहले सुअर को मारने का प्रावधान किया गया था, लेकिन 2019 में इन नियमों में केंद्र ने बदलाव कर दिया था। अब वन दरोगा को सुअर मारने के लिए अधिकृत किया गया है।
सुबोध उनियाल ने बताया कि सुअरों का आतंक खत्म करने के लिए सरकार मिशन लाल लोमड़ी शुरू करने जा रही है। बंदरों की आबादी नियंत्रित करने को हर साल 50 हजार बंदरों का बंध्याकरण अभियान चलाया जा रहा है। गुलदार को मारने के लिए केंद्रीय एक्ट के मुताबिक, चीफ वाइल्डलाइफ वार्डन के स्तर से आदेश तब होती है, जबकि यह स्पष्ट हो कि उसे पकड़ पाना मुश्किल है और उससे जनहानि हो सकती है। वन मंत्री ने बताया, प्रदेश के उन गांवों को चिह्नित किया जा रहा है, जहां अंधेरे की वजह जंगली जानवरों ने हमला किया है। वहां वन विभाग सोलर लाइटें लगाएगा।