चुनौतीपूर्ण होंगे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के लिए अगले 6 माह - MeraUK.com

चुनौतीपूर्ण होंगे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के लिए अगले 6 माह

 

राकेश डंडरियाल

चुनावी दंश झेलकर मुख्यमंत्री बने पुष्कर सिंह धामी से प्रदेश को बहुत सी आशाएं हैं। उन्ही आशाओं के बोझ को आगे लेकर चलना मुख्यमंत्री धामी के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है। प्रदेश में चारधाम यात्रा का सीजन शुरू होने वाला है, लिहाजा इसके लिए चाक चौबंद तैयारियां करना जरुरी हैं। चारधाम यात्रा एक ऐसी यात्रा है जिसमे प्रदेश और देश ही नहीं बल्कि दुनियाभर से श्रद्धालु पहुँचते हैं। इसके अलावा देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की एक आँख हर समय केदारनाथ और बद्रीनाथ पर बनी रहती है। विगत सालों के दौरान देखने में आया हैं कि हेली सेवाओं के प्रबंधकों ने आधिकारियों के साथ मिलकर तीर्थ यात्रियों को खूब लूटा, इसके अलावा सड़क मार्ग से जाने वाले श्रद्धालुओं को भी खूब लूटा गया, इस यात्रा सीजन में सरकार को तीर्थयात्रियों से होने वाली लूट को रोकना होगा। इसके लिए मुख्यमंत्री को सक्रिय रहना होगा आधिकारियों के भरोसे छोड़ने का मतलब है………..।

खटीमा सीट से चुनाव हारने के बाद भी राज्य के मुख्यमंत्री बनाए गए धामी को फिर छह महीने के भीतर विधायक बनने की परीक्षा देनी होगी, इसके लिए वे अभी से तैयारियों पर जुट गए हैं। मुख्यमंत्री के सामने एक और चुनौती है और वह है मुख्यमंत्री पद पर रहते हुए धामी ने चुनावी बैतरणी पार करने ले लिए लगभग 600 घोषणाएं की , जिन पर करोड़ों रुपये खर्च होने हैं , क्या वे सभी योजनाएं अगले 6 माह में जनता के सामने आ सकेंगी, और मुख्यमंत्री को खरा साबित कर पाएंगी?

उत्तराखंड में जंगल अभी से जलने शुरू हो गए हैं लेकिन मुख्यसचिव की एक मीटिंग के अलावा ग्राउंड पर अभी तक कुछ दिखाई नहीं दे रहा है, जबकि जंगल लगातार जल रहे हैं। सरकार को तुरंत इस ओर ध्यान देना होगा। जलते जंगलों का हमारे पर्यावरण पर प्रतिकूल असर पड़ता है।

उत्तराखंड के कई गांव आज भी भीषण पानी के अकाल से ग्रस्त हैं गर्मी बढ़ेगी तो पीने के पानी की भी जरुरत उतनी ही बढ़ेगी ,इसलिए ब्लॉक स्तर पर तैयारियों की जरुरत होगी , जो कि अभी कही दिख नहीं रही है। इसके अलावा मई -जून में लाखों की संख्या में प्रवासी उत्तराखंड निवासी पहाड़ों में अपने गांव की ओर रुख करते हैं , इस दौरान पानी की खपत जबरदस्त रूप से बढ़ जाती है।

जिन 20 हजार पदों पर पिछले तीन चार महीनों से भर्ती प्रक्रिया चल रही है वह कुछ ज्यादा ही धीमी गति से चल रही है, अगर यही चाल रही तो शायद आने वाला साल भी बीत जाएगा, अफसरशाही की इस गति पर मुख्यमंत्री को कुछ सोचना होगा।

 

चुनौती पूर्ण होंगे + पुष्कर सिंह धामी के लिए अगले ६ माह

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