रुद्रप्रयाग 17 मई 2023। दुनिया के सबसे ऊंचे शिव मंदिर तुंगनाथ में 6 से 10 डिग्री का झुकाव देखा गया है, आर्कियोलॉजिकल सर्वे इंडिया की एक स्टडी के अनुसार उत्तराखंड सरकार को अवगत करा दिया गया है, और सुझाव दिया गया है कि, मंदिर को एक संरक्षित स्मारक के रूप में शामिल किया जाए।
सूत्रों के अनुसार उत्तराखंड सरकार ने मंदिर को राष्ट्रीय स्मारक घोषित करने के लिए तैयारियों शुरू कर दी हैं, और एक अधिसूचना जारी कर लोगों से आपत्तियां मांगी हैं। एएसआई की स्टडी में सामने आया है कि, मंदिर में 5 से 6 डिग्री तक झुकाव है और मंदिर के अंदर मूर्तियों और छोटे स्ट्रक्चर्स में 10 डिग्री तक का झुकाव देखा गया है। एएसआई के देहरादून इकाई के सुपरिटेंडेंट, मनोज सक्सेना ने कहा कि, सबसे पहले मंदिर में झुकाव और नुकसान के कारण का पता लगाने की कोशिश की जाएगी और अगर संभव हुआ तो तुरंत उसको रिपेयर किया जाएगा, इसके साथ ही मंदिर परिसर के निरीक्षण के बाद डिटेल प्रोग्राम तैयार किया जाएगा।
एएसआई के अधिकारी इस बात की संभावना को भी ध्यान में लेकर चल रहे हैं कि, मंदिर के नीचे की जमीन धंसने या खिसकने की वजह से यह झुकाव आया हो। उन्होंने कहा कि, जरूरी लगा तो विशेषज्ञों से विचार-विमर्श के बाद फाउंडेशन के पत्थरों को बदला जाएगा। फिलहाल के लिए एजेंसी ने मुख्य मंदिर की दीवारों पर कांच के स्केल लगाए हैं, जो मंदिर की गति को माप सकते हैं।
तुंगनाथ को दुनिया का सबसे ऊंचा शिव मंदिर माना जाता है, जिसे 8वीं शताब्दी में कत्यूरी शासकों द्वारा बनाया गया था। यह बद्री केदार मंदिर समिति (बीकेटीसी) के प्रशासन के अधीन है। सक्सेना ने कहा, “इस संबंध में बीकेटीसी को एक पत्र भी भेजा गया है।