अल्मोड़ा 16 मार्च। रोजगार सृजन के लिए वन क्षेत्रों में इको टूरिज्म को बढ़ावा दिए जाने एवं वन क्षेत्रों में उत्पादित होने वाली जड़ी बूटियों तथा सगंध पादप के उचित प्रबंधन के संबंध में जिलाधिकारी वंदना की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट में बैठक आयोजित हुई।इस दौरान जिलाधिकारी ने कहा कि वन क्षेत्रों में पर्यटन की गतिविधियों की संभावनाओं की पहचान की जाए। तथा पर्यटन गतिविधियों को विकसित कर उन्हें रोजगार सृजन से जोड़ा जाए।
बैठक में सिमतोला इको पार्क, सोनी बिनसर क्षेत्र, पांडव खोली दूनागिरी क्षेत्र, मर्चुला तथा जागेश्वर में पर्यटन गतिविधियों जैसे पैराग्लिंडिंग, ऐंग्लिंग, बर्ड वाचिंग जैसी अनेक गतिविधियों की पहचान प्रारंभिक स्तर पर करने को लेकर चर्चा हुई। जिलाधिकारी ने पर्यटन विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि जिन गाइडों को उनके माध्यम से ट्रेनिंग कराई गई है, उन्हें ट्रेनिंग की आईडी कार्ड उपलब्ध कराए जाएं, जिससे वें साहसिक पर्यटन की गतिविधियों में शामिल हो सकें। जिलाधिकारी ने संबंधितों को निर्देश दिए कि स्थानीय उत्पादों को पहचान तथा बढ़ावा दिए जाने के लिए होटल एवं रिजॉर्ट संचालकों के साथ बैठकें की जाए तथा स्थानीय उत्पादों को होटल एवं रिजॉर्ट में बिक्री हेतु उपलब्ध किया जाए।
इस दौरान वन क्षेत्रों में उत्पादित होने वाली जड़ी बूटियों एवं सगंध पादपों के उचित प्रबंधन तथा उनसे रोजगार सृजन करने को लेकर भी चर्चा हुई। इस दौरान उन्होंने जनपद में पैदा होने वाली जड़ी बूटियों की जानकारी प्राप्त की तथा इस संबंध में संबंधितों को आवश्यक दिशा निर्देश भी दिए। उन्होंने कहा कि जनपद में उत्पन्न होने वाली सभी कड़ी बूटियों एवं सगंध पादपों के संबंध में डाटा तैयार किया जाए । उन्होंने भेषज संघ की बैठकों में बीडीओ तथा ग्राम विकास अधिकारियों को भी शामिल करने को कहा तथा जड़ी बूटी संग्रहण में स्थानीय लोगों को जोड़ने के निर्देश दिए। जिलाधिकारी ने कहा कि वन क्षेत्रों में मिलने वाली प्रतिबंधित एवं अनुमन्य जड़ी बूटियों के संबंध में प्रचार प्रसार भी किया जाए, जिससे लोगों को यह पता रहे कि किस औषधि या पादप को संग्रहीत किया जा सकता है। बैठक में मुख्य विकास अधिकारी अंशुल सिंह, प्रभागीय वनाधिकारी अल्मोड़ा हिमांशु बागरी, सिविल सोयम ध्रुव सिंह मर्तोलिया समेत अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।