प्रकाश सिंह रावत
रुद्रप्रयाग 22 नवंबर। पर्यावरण संरक्षण, गरीबी उन्मूलन, सर्व शिक्षा समेत सतत सामाजिक विकास के लिए संयुक्त राष्ट्र की ओर से तय 17 लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए व्यक्तिगत स्तर पर कार्य करने की जरूरत है। जब हर व्यक्ति तक विकास पहुंचेगा तभी हमारा गांव, समाज, देश एवं विश्व हर पहलू पर विकसित हो सकेगा, यह बात मुख्य विकास अधिकारी नरेश कुमार ने लोक योजना अभियान ‘‘सबकी योजना सबका विकास‘‘ कार्यक्रम के अंतर्गत आयोजित कार्यशाला में कही।
मंगलवार को विकास भवन सभगार में पंचायती राज विभाग की ओर से जिला पंचायत सदस्यों व जनपद स्तरीय अधिकारियों के लिए आयोजित दो दिवसीय प्रशिक्षण का उद्घाटन मुख्य विकास अधिकारी ने दीप प्रज्वलित कर किया। उन्होंने कहा कि वर्तमान की चुनौतियों को पार करने के लिए आधुनिक तकनीकी के दृष्टिगत कार्यशालाएं एवं प्रशिक्षण होना आवश्यक है। समस्त पंचायती राज संस्थाओं के लिए सहभागितापूर्ण ग्राम पंचायत विकास योजना (जीपीडीपी) क्षेत्र पंचायत विकास योजना (बीपीडीपी) एवं जिला पंचायत विकास योजना (डीपीडीपी) निर्मित करने के लिए ऐसी कार्यशालाएं बेहद महत्वपूर्ण हैं।
कार्यशाला के मुख्य प्रशिक्षक डाॅ. डीएस पुंडीर ने सतत् विकास के लक्ष्यों पर चर्चा करते हुए गरीबी मुक्ति एवं उन्नत आजीविका गांव विषय पर चर्चा की। इस दौरान उन्होंने कार्यशाला में शामिल अधिकारियों एवं पंचायत सदस्यों से संवाद कर गरीबी उन्मूलन एवं उन्नत आजीविका के लिए आवश्यक कारकों पर फीडबैक भी लिया। डाॅ. पुंडीर ने स्वस्थ्य गांव बाल हितैषी गांव विषय पर अपने विचार रखते हुए कहा कि किसी भी व्यक्ति के व्यक्तित्व विकास में उसका बाल्यकाल अहम भूमिका निभाता है, इसलिए जरूरी है कि गावों में ऐसे साधन एवं माहौल पैदा किया जाए जिससे हर व्यक्ति बचपन से ही रचनात्मकता, नवाचार समेत अन्य सकारात्मक गुणों को आत्मसात कर सके। प्रशिक्षक हरि प्रसाद ममगांई ने स्वच्छ एवं हरा भरा गांव, सामाजिक रूप से सुरक्षित गांव विषय पर अपना वक्तव्य रखा। ममगांई ने कहा कि स्वच्छता संयुक्त राष्ट्र के सबसे महत्वपूर्ण लक्ष्यों में शामिल है। आज के समय में कूड़े एवं खासतौर पर प्लास्टिक से निपटना सबसे बड़ी चुनौती हो गयी है, इसलिए जरूरी है कि व्यक्तिगत स्तर से लेकर वैश्विक स्तर तक प्लास्टिक के इस्तेमाल को कम करना एक आदत के तौर पर विकसित हो सके।
प्रशिक्षक डाॅ. किरन जयदीप पुरोहित ने महिला हितैषी गांव विषय पर अपना वक्तव्य रखते हुए कहा कि देश दुनिया की आधी आबादी को ध्यान में रखते हुए अभी भी बहुत कार्य होना बाकी है। सरकारें अपने स्तर पर विभिन्न योजनाओं के माध्यम से महिलाओं के उत्थान के लिए कार्य कर तो रही हैं, लेकिन उनके परिवार से उन्हें घर से बाहर कदम रखने की अनुमति आज भी नहीं मिल रही। ऐसे में किसी भी योजना को लागू करने की चुनौतियों दोगुनी हो जाती हैं, इसलिए जरूरी है कि गांव-कस्बों में लगातार महिलाओं को जागरुक कर उनके अधिकारों की जानकारी दी जाए। ज्यादा से ज्यादा महिला समूह एवं फेडरेशन गठित कर महिलाओं की आय बढ़ाने पर कार्य किया, महिलाओं के लिए योजनाएं तैयार करते वक्त महिलाओं की भी राय ली जाए ताकि उनकी समस्याओं को समझते हुए ही उनके लिए कार्य किए जा सकें।
इस अवसर पर ईई सिंचाई विभाग राजेश नौटियाल, एई प्रवीन डुंगरियाल, जिला समाज कल्याण अधिकारी सुनीता अरोड़ा, जिला कार्यक्रम अधिकारी शैली प्रजापति, सेवायोजन अधिकारी कपिल पांडे, वरिष्ठ प्रबंधक दुग्ध श्रवण कुमार शर्मा, मत्स्त्य निरीक्षक संजय बुटोला, एसडीओ फाॅरेस्ट राजेंद्र सिंह रावत सहित अन्य लोग मौजूद रहे।