देहरादून 04 नवंबर। उत्तराखंड सरकार हरियाणा सरकार की ही तर्ज पर ‘परिवार पहचान पत्र उत्तराखंड’ को अपनी फ्लैगशिप यानी शीर्ष प्राथमिकता वाली योजना में सम्मिलित करने जा रही है।आयुष्मान कार्ड व गोल्डन हेल्थ कार्ड योजना ,पंचायतीराज, राजस्व, समाज कल्याण, ग्राम्य विकास, सूचना प्रौद्योगिकी विभाग से इस योजना को सीधे जोड़ा जाएगा। एक बार पहचान पत्र बन जाने के बाद उस परिवार के लोगों को अलग से आय प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र , निवास, दिव्यांग और विकलांग आदि प्रमाण पत्र बनाने की जरूरत नहीं होगी। जबकि सरकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिए भी परिवार पहचान पत्र ही अनिवार्य होगा।
उत्तराखंड सरकार ने ‘परिवार पहचान पत्र बनाने के लिए नियोजन विभाग को नोडल विभाग बनाया गया है जबकि एनआईसी को पहचान पत्र बनाने की जिम्मेदारी दी जा रही है। नियोजन विभाग के अनुसार राज्य के 23 लाख के करीब परिवारों का परिवार पहचान पत्र बनाए जाने हैं। इसके लिए विभाग ने अपनी तैयारियां शुरू कर दी गईं हैं। जानकारी के अनुसार परिवार पहचान पत्र 14 अंकों का होगा और इसमें परिवार से जुड़ी सभी तरह की जानकारियां शामिल होंगी। बच्चे का जन्म से लेकर शादी और मृत्यु होने के बाद की जानकारी इस कार्ड में अपडेट होती रहेगी। एक बार कार्ड बन जाने के बाद उससे जुड़ी अन्य सभी जानकारियां खुद ही सामने होंगी और अलग से प्रमाण पत्र नहीं बनवाने होंगे।