सुनक को मिला 200 सांसदों का समर्थन, पेनी 26 सांसद ही जुटा पाईं
लंदन। दिवाली पर भारतवंशी ऋषि सुनक ने ब्रिटेन का प्रधानमंत्री बनकर इतिहास रच दिया है। सोमवार को कंजर्वेटिव पार्टी के संसदीय दल ने सुनक को नेता चुना। उन्हें चुनौती देने वाली पेनी मॉरडॉन्ट ने नाम वापस ले लिया। इसके पहले पूर्व प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने भी नाम वापस ले लिया था। सुनक को करीब 200 सांसदों का समर्थन मिला। पेनी के पास यह आंकड़ा 26 ही रहा। सुनक 28 अक्टूबर को प्रधानमंत्री पद की शपथ ग्रहण करेंगे। इसके बाद 29 अक्टूबर को कैबिनेट का ऐलान किया जाएगा।
वे भारतीय मूल के पहले ऐसे व्यक्ति हैं जो ब्रिटेन के पीएम पद तक पहुंचे हैं। यही नहीं, ऋषि सुनक ईसाई बाहुल्य ब्रिटेन के पहले हिंदू पीएम हैं। वे ब्रिटेन के पहले गैर-श्वेत प्रधानमंत्री भी हैं। दरअसल पेनी मॉर्डंट ने ब्रिटिश पीएम की रेस से अपना नाम वापस ले लिया है जिससे सुनक का रास्ता साफ हो गया है। कंजर्वेटिव पार्टी के कई चर्चित सांसदों ने जॉनसन के खेमे को छोड़ते हुए सुनक का समर्थन किया था। इनमें पूर्व गृह मंत्री प्रीति पटेल, कैबिनेट मंत्री जेम्स क्लेवर्ली और नदीम जहावी शामिल हैं। प्रीति पटेल खुद भारतीय मूल की पूर्व ब्रिटिश मंत्री हैं जिन्होंने पिछले महीने लिज ट्रस के प्रधानमंत्री चुने जाने के बाद अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने कहा कि कंजर्वेटिव पार्टी को सुनक को नेतृत्व करने का मौका देना चाहिए।
कौन हैं ऋषि सुनक?
ऋषि भारतीय सॉफ्टवेयर कंपनी इंफोसिस के को-फाउंडर नारायण मूर्ति के दामाद हैं।
ऋषि सुनक के पेरेंट्स पंजाब के रहने वाले थे, जो विदेश में जाकर बस गए।
सुनक का जन्म ब्रिटेन के हैंपशायर में हुआ था। ऋषि ने अमेरिका की स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी से MBA किया है।
उन्होंने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से राजनीति, दर्शन और अर्थशास्त्र की पढ़ाई की।
राजनीति में आने से पहले ऋषि ने इन्वेस्टमेंट बैंक गोल्डमैन सैश और हेज फंड में काम किया। इसके बाद उन्होंने इन्वेस्टमेंट फर्म की भी स्थापना की।
उनकी मां एक फार्मासिस्ट और राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा (MHS) में कार्यरत हैं। सुनक के पिता ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय और स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय से ग्रैजुएट हैं।