देहरादून/नैनीताल 15 अक्टूबर। उत्तराखंड हाईकोर्ट ने विधानसभा सचिवालय से हटाए गए कर्मचारियों की बर्खास्तगी पर अग्रिम आदेशों तक रोक लगा दी है। इस मामले में कोर्ट ने विधानसभा सचिवालय से चार सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने के लिए कहा है। मामले में अगली सुनवाई के लिए 19 दिसंबर की तिथि नियत की गई है।
गौरतलब है कि उत्तराखंड सरकार ने विधानसभा में हुईं भर्तियों के लिए तीन सदस्यीय विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट के आधार पर 2016 में हुईं 150 तदर्थ नियुक्तियों व 2020 में हुईं छह तदर्थ नियुक्तियों एवं, 2021 में हुईं 72 तदर्थ नियुक्तियों और उपनल के माध्यम से हुईं 22 नियुक्तियों को रद्द कर दिया था लेकिन शनिवार को विधानसभा अध्यक्ष के इस फैसले पर अब हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है।
विधानसभा अध्यक्षों द्वारा नियुक्त कर्मचारियों को सेवा से निकाले जाने के सरकार के निर्णय पर अब हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है। फिलहाल कर्मचारियों की नौकरी बनी रहेगी। गौरतलब है कि उत्तराखंड विधानसभा की अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण ने विधानसभा में बैकडोर से हुईं 250 भर्तियां रद्द कर दी थी। इनमें 228 तदर्थ और 22 उपनल के माध्यम से हुईं नियुक्तियां शामिल हैं।
किसके कार्यकाल में कितनी भर्तियां हुई ?
गोविंद सिंह कुंजवाल के कार्यकाल में 150
प्रेमचंद अग्रवाल के कार्यकाल में 100
इसके अलावा विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि 2011 से पहले विधानसभा में जो नियुक्तियां हुई थीं, वह कर्मचारी नियमित हो चुके हैं। उनकी नियुक्ति कैसे हुई, नियमितिकरण कैसे किया गया, पदोन्नतियां कैसे हुईं, इस पर विधिक राय लेने के बाद कार्रवाई की जाएगी।