समिति बनी भ्रष्टाचार का अड्डा – सूरज नेगी
रुद्रप्रयाग 17 जून। बदरीनाथ – केदारनाथ मंदिर समिति में पिछले 10 वर्षों से वन सेवा के अधिकारी बी. डी. सिंह प्रतिनियुक्ति पर तैनात हैं जिनकी कार्यप्रणाली को लेकर उत्तराखंड कांग्रेस के पूर्व प्रदेश प्रवक्ता सूरज नेगी ने राज्य के मुख्य सचिव को पत्र लिखकर घोर विरोध जताया है, उन्होंने अपने पत्र में मुख्य कार्य अधिकारी को पिछले कई वर्षों से भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने का आरोप लगाते हुए कई बिंदुओं को उजागर किया है। नेगी ने कहा कि मुख्य कार्य अधिकारी को शासन की कुछ वरिष्ठ अधिकारियों का भी संरक्षण है, जिस कारण वे धड़ल्ले से अपनी मनमर्जी के अनुसार मंदिर समिति में भ्रष्टाचार को अंजाम दे रहे हैं।
उन्होंने कहा कि शासन द्वारा मुख्य कार्य अधिकारी के खिलाफ धर्मस्व सचिव द्वारा 31 दिसंबर 2021 को एक जांच कमिश्नर को सौंपी जाती है,तो दूसरी तरफ 7 जनवरी 2022 को उनकी प्रतिनियुक्त बढ़ा दी जाती है, मगर उनके कार्यकाल के अंदर हुए कई भ्रष्टाचार पर शासन ने चुप्पी साद रखी है । उन्होंने कहा कि बी डी सिंह द्वारा वर्ष 2012 में बिना निविदा के 20 से ₹25 लाख रुपए के मोमेंटो के नाम पर घड़ियां मंगवाई जो कि तीन-चार सालों में मात्र तीन से चार घड़ी बिकती है,बाकी के हिसाब किताब को कुछ पता नहीं है, उन्होंने दूसरा उदाहरण दिया कि किस प्रकार से बिना निविदा आमंत्रित किए दिल्ली की फिल्म निर्माता कंपनी को 12 से 15 लाख रुपए की एक डॉक्यूमेंट्री बनवाई जाती है, जोकि व्याप्त भ्रष्टाचार का उदाहरण है ।
बी डी सिंह ने बिना शासन की स्वीकृति के वर्ष 2014 में वायरमैन प्लंबर तथा 2016 में 11 अनुचोरों को स्थाई कर दिया, जबकि शासन द्वारा नियत वेतनमान पर नियुक्त किए जाने की स्वीकृत की गई थी, यही नहीं इनके द्वारा कई कर्मचारियों को नियम विरुद्ध स्टाफिंग पैटर्न का लाभ दिया गया, जो कर्मचारी प्रशासन के अधिकारी की सेवा अवधि पूर्ण नहीं करते थे, उनको प्रशासनिक अधिकारी बना दिया गया।
वही मुख्य कार्यकारी द्वारा मंदिर समिति प्रोन्नति में भी कई घोटाले किए गए जिनमे उनके साथ भ्रष्टाचार में सहभागी जे ई अनिल ध्यानी को अधिशासी अभियंता के पद पर प्रोन्नति दी गई जो पूर्णतया नियम विरुद्ध है, बहुत से योग्य कर्मचारियों को पिछले कई वर्षों से प्रोन्नति नहीं दी गई जबकि बैक डोर से नियुक्त कर्मचारियों को समयावधि से पहले ही प्रमोशन देकर जल्दी उच्च पदों पर बिठा दिया गया। नेगी ने कहा कि मंदिर समिति के अधीन लगभग 45 मंदिर हैं वर्ष 2014 में बी डी सिंह द्वारा बिनसर मंदिर जो कि मंदिर समिति का अधीनस्थ मंदिर भी नहीं था, का जीर्णोद्धार बिना निविदा के कराया जिस पर लगभग ₹10 करोड़ रुपए का व्यय किया गया, जबकि मंदिर समिति एक्ट में स्पष्ट है कि मंदिर समिति केवल अपने अधीनस्थ मंदिरों का रखरखाव व पूजा व्यवस्था करेगी।
उन्होंने कहा कि वर्ष 2019 में इन्होंने मंदिर समिति की आपातकालीन बैठक बुलाई व मंदिर समिति के तत्कालीन अध्यक्ष उपाध्यक्ष वह प्रत्येक सदस्य गणों को ₹10- 10 लाख रूपए अपने क्षेत्र के भीतर आने वाले मंदिरों संस्थाओं आज कौन दान के रुप में देने हेतु आवंटित कर दिया जिसमें कि मंदिर समिति को लगभग एक करोड़ रुपए का नुकसान झेलना पड़ा। नेगी ने कहा कि एक अधिकारी चुपचाप मुख्य कार्य अधिकारी के पद पर बैठकर कई वर्षों से भ्रष्टाचार में लिप्त है और शासन आंख मूंदकर बैठा हुआ है जो इस राज्य में बड़े खेद का विषय है उन्होंने मुख्य सचिव को पत्र लिखकर इस मामले में गंभीरता पूर्वक जांच कर कार्यवाही करने का आग्रह किया