श्री नीलकंठ कांवड मेले में इस साल पहुंचे 56.72 लाख श्रद्धालु - MeraUK.com

श्री नीलकंठ कांवड मेले में इस साल पहुंचे 56.72 लाख श्रद्धालु

कांवड़ यात्रा सकुशल सम्पन्न होने पर पुलिस ने ली चैन की सांस

 

लक्ष्मणझूला 16 जुलाई। भारी बारिश और विषम परिस्थितियों के बीच शनिवार को श्री नीलकंठ कांवड मेला सकुशल संपन्न हो गया, इस दौरान गढ़वाल पुलिस की जवानों ने अपनी कार्यकुशलता का जो परिचय दिया वह तारीफे काबिल रहा, वो चाहे ट्रैफिक मैनेजमेंट हो, यात्रा से जुडी अग्रिम जानकारी हो, भीड़ पर नियंत्रण हो , सभी मामलों में गढ़वाल पुलिस ने अपनी कुशलता का परिचय दिया। गढ़वाल पुलिस के अनुसार सम्पूर्ण कांवड़ मेले के दौरान 56.72 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने श्री नीलकंठ मन्दिर में जलाभिषेक किया। कांवड़ मेले में नियुक्त पुलिस टीम द्वारा भारी बारिश एवं विषम परिस्थितियों में मेले को सकुशल सम्पन्न कराने हेतु निम्न कार्य किये गये।

पुलिस ने पूरे मेला क्षेत्र को 02 सुपर जोन (भीड़ नियत्रण व यातायात व्यवस्था सुपर जोन), 07 जोन व 23 सेक्टरों में विभाजित किया गया था। व श्रद्धालुओं को सुगम आवागमन, के लिए श्री नीलकण्ठ मन्दिर में दर्शन एवं मेला सुरक्षा ड्यूटी पर 1192 अधिकारियों व कर्मचारियों को नियुक्त किया था। जिनमें जनपद पौड़ी से 676 एवं बाहरी जनपदों से 516 अधिकारियों एवं कर्मचारियों को नियुक्त किया गया था। इन अधिकारियों में ही एसडीआरएफ की 02 टीम, जल पुलिस/गोताखोर टीम, दो क्यूआरटी टीम, PAC FLOOD टीम के साथ-साथ आतंकी घटनाओं की रोकथाम हेतु एक टीम Anti Terrorist Squard को मेला क्षेत्र में चौबीस घण्टे के लिये एक्टिव रखा गया था।

कांवड़ मेले के दौरान भीड़ में किसी व्यक्ति के परिजन उनसे बिछुड़ जाने पर उनको परिजनों से मिलाने हेतु स्थापित 06 डिजिटल खोया पाया केंद्रों में नियुक्त कर्मियों द्वारा मेले के दौरान उनके परिजनों से कुल 1467 पुरूषों, महिलाओं व बच्चों को मिलाया गया। श्री नीलकंठ डिजिटल खोया पाया केन्द्र में नियुक्त कर्मियों द्वारा कुल 1229 व्यक्तियों को उनके परिजनों से मिलाया गया।

श्री नीलकण्ठ मन्दिर में दर्शन व जलाभिषेक हेतु वाहनों से आने वाले श्रद्धालुओं के कारण मन्दिर में भीड़ बढने व नीलकण्ठ क्षेत्र में दोपहिया वाहनों की पार्किंग फुल होने की दशा में वाहनों को पीपल कोटी- दिऊली मार्ग पर डायवर्ट कर पार्क कराया गया। दोपहिया वाहनों एवं चारपहिया वाहनों के लिये अलग अलग पार्किंग व्यवस्था की गयी। मेले के दौरान कुल 8,47,300 दोपहिया वाहनो व 32,732 चारपहिया वाहनों का आगमन हुआ। जिनको मेले में ड्यूटीरत कार्मिकों द्वारा उनके गन्तव्य को सकुशल भेजा गया।

मेले के दौरान नदी घाटों पर नहाने वाले 10 व्यक्तियों को पुलिस व एसडीआरएफ टीम द्वारा बचाया गये। दो व्यक्तियों के गंगा नदी में तेज बहाव में बहने के कारण नही बचाया जा सका।पैदल मार्ग पर कांवडियों के स्वास्थ्य खराब होने पर ड्यूटीरत कर्मियो द्वारा तत्काल ही स्ट्रेचर के माध्यम से सड़क मार्ग पर लाकर एम्बूलेन्स से उपचार हेतु अस्पताल भिजवाया गया। कावड़ मेले के दौरान ड्यूटी प्वाईंटो पर नियुक्त कर्मियों को आवश्कता के अनुरूप (पानी, बरसाती, छाता, मेडिकल किट आदि) तत्काल मौके पर पहुँचा कर मौके पर प्रदान किये गये। जिससे किसी भी कार्मिक को असुविधा नहीं हुयी।

श्री नीलकंठ कांवड मेले के दौरान आपसी समन्वय हेतु सम्पूर्ण कांवड मेला क्षेत्र में 18 स्थानों पर वायरलैस स्टेशन स्थापित किये गये थे। स्थानों की संवेनशीलता व आवश्यकता के अनुसार 21 स्टैटिक वायरलैस सैट, 90 वायरलैस हैण्डसेट जोनल व सेक्टर पुलिस अधिकारियों को दिये गये थे। स्थापित दो कंट्रोल रूम लक्ष्मणझूला व नीलकंठ का सभी अधिकारियों से बहुत अच्छा समन्वय था।तीसरी आंख के रुप में 92 सीसीटीवी कैमरे व 03 ड्रोनों से सम्पूर्ण मेला क्षेत्र में होने वाली अवांछनीय गतिविधियों पर नजर रखी गयी। मेले के दौरान बिना साइलेंसर वाले दोपहिया वाहन चलाने वाले 46 कांवडियों के विरूद्ध मोटर वाहन अधिनियम के तहत ड्यूटी में नियुक्त यातायात निरीक्षकों द्वारा कार्यवाही की गयी।

गुरुवार 13.जुलाई को श्री नीलकंठ कांवड यात्रा मार्ग के कालीकुंड के पास पहाड़ से मलबा आने के कारण कांवड यात्रा मार्ग अवरुद्ध हो गया था| वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक महोदया पौड़ी श्रीमती श्वेता चौबे के कुशल निर्देशन में पुलिस टीम द्वारा तत्काल ही सम्बन्धित विभागों से समन्वय स्थापित करते हुये दो जेसीबी मंगवायी गयी। साथ ही लाखों की संख्या में आने जाने वाले कांवडियों को सहनशील और मृदुभाषी रहते हुये काँवड़ियों की भीड़ को कंट्रोल किया गया। लगभग एक घंटे के पश्चात समय सांय 07.00 बजे यात्रा मार्ग का मलबा हटवाकर श्री नीलकंठ महादेव मन्दिर जलाभिषेक हेतु आने-जाने वाले शिवभक्त कांवडियों को वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक पौड़ी श्रीमती श्वेता चौबे की पुलिस टीम व स्वयं मौजूद रहकर देर रात तक मुस्तैदी से निकासी करते हुये भेजा गया।

 

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